Haryana News: हरियाणा सरकार ने छोटे और भूमिहीन किसानों को मजबूत बनाने के लिए एक नई पहल की है. इन किसानों को अब उनके हक मिल सकेंगे जिसमें मुआवजा और फसल ऋण संबंधित सभी सुविधाएं शामिल हैं. इसके लिए हरियाणा सरकार इसी विधानसभा सत्र के दौरान हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक पेश करने वाली है.
भूमि संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल और हितों की रक्षा
सरकार का दावा है कि इस कानून से भूमि संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल (maximize land resources) होगा और पट्टाकर्ता व पट्टेदार दोनों के हितों की रक्षा हो सकेगी. सरकार इस पर काफी दिनों से काम कर रही थी और कई बैठकों के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है. इससे राज्य के कई लाख छोटे किसानों को काफी बड़ी राहत मिलेगी.
भूमिहीन किसानों की चुनौतियाँ और समाधान
राज्य के बड़े अन्नदाता छोटे व भूमिहीन किसानों को अपनी खेती पट्टे यानी ठेके पर देते हैं (land leasing challenges). राज्य में यह एक प्रमाणित प्रथा है, लेकिन पट्टाकर्ता अक्सर दो साल बाद पट्टेदार बदल देता है, उसे डर रहता है कि कहीं पट्टेदार उसकी जमीन पर कब्जा न कर दे. इससे कृषि उत्पादन की हानि भी होती है. पट्टाकर्ता कभी भी लिखित तौर पर समझौता नहीं करता, जिसका नुकसान पट्टे पर जमीन लेने वाले किसान को होता है.
प्राकृतिक आपदाओं में पट्टे पर खेती करने वाले किसानों की समस्याएँ
जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो केंद्र व राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली राहत पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को नहीं मिलती (disaster relief for tenant farmers). वहीं पट्टेदार फसल ऋण भी नहीं ले पाता है. इन सभी जरूरतों को देखते हुए इसके लिए कानून लाना जरूरी हो गया था. यह कानून दोनों के हितों की रक्षा करेगा. कई किसान संगठन इस पर कानून बनाने को लेकर मांग रख चुके थे.