National Highway Rules: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाइवे एक्ट के तहत कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बनाई है। ये बदलाव खासतौर पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने और कानूनी विवादों को कम करने के लिए किए जा रहे हैं। यह एक प्रयास है जिससे कि हाइवे डेवलपमेंट और मार्गों पर उपलब्ध सुविधाओं के विस्तार में तेजी लाई जा सके।
प्रस्तावित नियमों का मुख्य उद्देश्य
जिन प्रमुख बदलावों की प्रस्तावना की गई है, उनमें से एक यह है कि अगर सरकार हाइवे निर्माण के लिए ली गई जमीन का इस्तेमाल पांच साल तक नहीं करती है, तो वह जमीन उसके मूल मालिकों को वापस कर दी जाएगी। यह नियम न केवल जमीन मालिकों के हित में है बल्कि यह सरकारी प्रक्रियाओं में भी स्पष्टता लाएगा।
जमीन अधिग्रहण और मुआवजे की प्रक्रिया
नए नियम के अनुसार, जमीन का मुआवजा घोषित होने के तीन महीने बाद तक राजमार्ग प्राधिकरण या जमीन के मालिक मुआवजे की राशि पर किसी भी तरह की आपत्ति नहीं जता सकेंगे। यह व्यवस्था सरकारी कार्यों में तेजी लाने और मुआवजा प्रक्रिया को अधिक न्यायसंगत बनाने के लिए की गई है
बदलावों का दूरगामी प्रभाव
इन बदलावों से न केवल जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि यह सड़क परिवहन के क्षेत्र में आवश्यक सुविधाओं के विस्तार को भी सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, ये बदलाव संभावित कानूनी विवादों को कम करने में मददगार साबित होंगे, जिससे सरकारी परियोजनाओं की गति में वृद्धि होगी।
समाज और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
नेशनल हाइवे एक्ट में ये बदलाव न केवल निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित करेंगे बल्कि इससे समाज और अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जमीन मालिकों को अधिक सुरक्षा मिलेगी और सरकारी परियोजनाएं अधिक कुशलता से संचालित हो सकेंगी। ये बदलाव भारतीय परिवहन ढांचे को नई दिशा देने में मदद करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि विकास की प्रक्रिया में सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखा जाए।