भारत सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए 37 जरूरी दवाओं की कीमतें घटा दी हैं।
नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने यह निर्णय लिया है, जिसके तहत बुखार, दर्द, हृदय रोग, डायबिटीज़, संक्रमण और विटामिन से जुड़ी दवाओं की कीमत में 10 से 15 प्रतिशत तक की कमी की गई है।
ये सभी दवाएं रोजाना करोड़ों मरीजों के इलाज में उपयोग होती हैं, इसलिए इस कदम से सीधा फायदा गरीब और मध्यम वर्ग को मिलेगा।
📋 किन-किन दवाओं के दाम घटे?
1️⃣ दर्द और बुखार
- पेरासिटामोल, एकलोफेन्स और ट्रिप्सिन चाइमोट्रिप्सिन का कॉम्बिनेशन टैबलेट अब
- ₹13 (डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज)
- ₹15.01 (कैडिला फार्मास्युटिकल्स) में उपलब्ध।
 
2️⃣ विटामिन और इंजेक्शन
- विटामिन D (Cholecalciferol) की बूंदों की कीमत: ₹31.77 प्रति मिलीलीटर
- डाइक्लोफेनेक इंजेक्शन की कीमत भी ₹31.77 प्रति मिलीलीटर तय
- कोलेस्ट्रॉल और एलर्जी-अस्थमा से जुड़ी कुछ दवाओं के दाम भी सीमित।
3️⃣ डायबिटीज की दवाएं
- मेटफॉर्मिन, सिटाग्लिप्टिन और एम्पाग्लिफ्लोजिन का कॉम्बिनेशन ₹16.50 प्रति टैबलेट
- यह टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बेहद जरूरी।
4️⃣ हृदय रोग की दवाएं
- एटोरवास्टेटिन 40 mg और क्लोपिडोग्रेल 75 mg का कॉम्बिनेशन ₹25.61 प्रति टैबलेट
📌 सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?
पिछले कुछ वर्षों में दवाओं की कीमत में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है।
इससे मरीजों, खासकर गरीब और मध्यम वर्ग, पर आर्थिक बोझ बढ़ गया था।
कई लोग महंगी दवाओं के कारण अपना इलाज समय पर नहीं करा पाते।
इस स्थिति को देखते हुए NPPA ने यह कदम उठाया है ताकि —
- जरूरी दवाएं सभी के लिए सुलभ हों
- मरीजों के आर्थिक बोझ को कम किया जा सके
- देश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार हो
💬 इसका सीधा फायदा किसे मिलेगा?
- गरीब वर्ग, जो महंगी दवाओं का खर्च नहीं उठा पाते
- बुजुर्ग मरीज, जिन्हें रोजाना कई तरह की दवाएं लेनी पड़ती हैं
- मध्यम वर्ग, जिनकी मेडिकल खर्चों में बचत होगी
- ग्रामीण और दूरदराज़ के मरीज, जहां महंगी दवाओं की वजह से इलाज अधूरा रह जाता था
📢 निष्कर्ष:
सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक राहत देगा बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।
अब उम्मीद है कि आगे भी जरूरी दवाओं की कीमतें काबू में रखने के लिए ऐसे ही कदम उठाए जाएंगे।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		