नई दिल्ली, 16 अगस्त 2025: भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम का सबसे लोकप्रिय माध्यम UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) अब एक बड़ा बदलाव देखने जा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर 2025 से पर्सन-टू-पर्सन (P2P) “कलेक्ट रिक्वेस्ट” फीचर को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा।
यह फीचर, जिसे तकनीकी भाषा में पुल ट्रांजैक्शन कहा जाता था, यूज़र्स को किसी से भी पैसे मांगने की सुविधा देता था। इसका उपयोग अक्सर दोस्तों या परिवार के बीच बिल बांटने या उधार लौटाने की याद दिलाने के लिए किया जाता था।
क्यों बंद किया जा रहा है ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ फीचर?
NPCI का कहना है कि यह फैसला ट्रांजैक्शन सुरक्षा बढ़ाने और साइबर फ्रॉड रोकने के लिए लिया गया है। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में इस फीचर का दुरुपयोग बढ़ गया था। साइबर अपराधी नकली पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते थे और लोग गलती से उसे अप्रूव कर देते थे। जैसे ही रिक्वेस्ट स्वीकार की जाती, पैसा तुरंत खाते से निकलकर फ्रॉडस्टर्स तक पहुंच जाता।
- पहले NPCI ने जोखिम कम करने के लिए इसकी लिमिट ₹2,000 तक कर दी थी।
- लेकिन धोखाधड़ी पूरी तरह बंद न होने पर अब इसे हटाना ही सबसे सुरक्षित विकल्प माना गया है।
अब कैसे भेजेंगे और लेंगे पैसे?
1 अक्टूबर 2025 से P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट पूरी तरह से बंद हो जाएगा। यानी यूज़र अब किसी से पैसे मांग नहीं पाएंगे।
इसके बजाय:
- भुगतान के लिए QR कोड स्कैन करना होगा।
- या फिर कॉन्टैक्ट लिस्ट से रिसीवर चुनकर मैन्युअली अमाउंट डालना होगा।
- हर ट्रांजैक्शन की पुष्टि UPI PIN डालकर करनी होगी।
किन पर लागू होगा यह नियम?
- यह बदलाव सिर्फ पर्सन-टू-पर्सन (P2P) कलेक्ट रिक्वेस्ट पर लागू होगा।
- मर्चेंट पेमेंट्स जैसे Amazon, Flipkart, Swiggy, Zomato, IRCTC आदि पर कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर पहले की तरह काम करता रहेगा।
- वजह: इन पर हर पेमेंट के लिए UPI PIN से स्पष्ट अप्रूवल जरूरी होता है, जिससे धोखाधड़ी का खतरा कम होता है।
बैंकों और UPI ऐप्स के लिए नए निर्देश
NPCI ने साफ कर दिया है कि 1 अक्टूबर 2025 के बाद कोई भी बैंक या UPI ऐप किसी भी तरह की P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट शुरू, रूट या प्रोसेस नहीं कर पाएंगे।
इसका मतलब है कि Google Pay, PhonePe, Paytm, Amazon Pay जैसी ऐप्स को यह फीचर हटाना होगा।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
फिनटेक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव:
- आम यूज़र्स के लिए सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।
- लेकिन, छोटे लेनदेन में पैसे मांगने की सहज सुविधा खत्म होने से लचीलापन कम हो जाएगा।
- भविष्य में NPCI और भी सुरक्षित पेमेंट रिक्वेस्ट फीचर लाने पर विचार कर सकता है।
निष्कर्ष
UPI ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम बनाने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड को देखते हुए NPCI का यह कदम जरूरी माना जा रहा है। 1 अक्टूबर 2025 से यूज़र्स को पैसे मांगने के लिए अब केवल QR कोड या सीधे ट्रांसफर का ही सहारा लेना होगा।