नए साल की शुरुआत खुशियों के साथ! सरकार ऐसी योजना ला रही है जिससे जमीन खरीदना और गैस भरवाना दोनों होंगे सस्ते, जानिए कौन होगा सबसे बड़ा फायदा उठाने वाला?
नए साल की दहलीज पर खड़े होते ही घर-घर में एक नई उम्मीद जाग रही है। 1 जनवरी 2026 से देशभर में रसोई गैस और CNG की कीमतों में कमी आने वाली है, जो लाखों उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी। सरकारी स्तर पर ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को सरल बनाने का यह कदम महंगाई पर लगाम लगाने की दिशा में मजबूत इरादा दिखाता है। रोजमर्रा के खर्चे कम होने से मध्यम वर्ग की जेबें ढीली होंगी और क्लीन फ्यूल का इस्तेमाल बढ़ेगा।
टैरिफ सिस्टम में बड़ा बदलाव
पहले गैस की ढुलाई का खर्च दूरी के आधार पर तीन अलग-अलग जोनों में बंटा होता था, जिससे दूर के इलाकों में कीमतें ज्यादा चढ़ जाती थीं। अब सिर्फ दो जोन रहेंगे, जिसमें CNG और घरेलू पाइप गैस के लिए सबसे कम रेट पूरे देश में लागू होगा। यह एकसमान व्यवस्था ‘वन नेशन, वन टैरिफ’ की अवधारणा पर आधारित है, जो गैस वितरण को आसान और सस्ता बनाएगी। कुल मिलाकर गैस सेक्टर में सालाना हजारों करोड़ की बचत होगी, जो सीधे ग्राहकों तक पहुंचेगी।
कितनी कम होंगी कीमतें?
CNG की कीमत प्रति किलो में 1.25 से 2.50 रुपये तक घट सकती है, जबकि घरेलू PNG में प्रति घन मीटर 0.90 से 1.80 रुपये की राहत मिलेगी। राज्यवार टैक्स के हिसाब से फाइनल रेट तय होंगे, लेकिन ज्यादातर जगहों पर 2-3 रुपये प्रति यूनिट की कटौती पक्की है। दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक यह फायदा पहुंचेगा। ऑटो रिक्शा चालक, टैक्सी वाले और गृहिणियां दोनों ही इसका लाभ उठाएंगे, जिससे मासिक बिल में साफ तौर पर अंतर दिखेगा।
कितने लोग होंगे लाभान्वित?
40 से ज्यादा सिटी गैस कंपनियां 312 जिलों में काम कर रही हैं, जहां करोड़ों परिवार और वाहन मालिक प्रभावित होंगे। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में ईंधन खर्च घटने से ड्राइवरों की आय बढ़ेगी, वहीं किचन में पाइप गैस सस्ती होने से खाना पकाने का खर्च कम होगा। नियामक संस्था ने कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि बचत का पूरा फायदा उपभोक्ताओं को मिले। इससे नेचुरल गैस का उपयोग तेजी से बढ़ेगा और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता घटेगी।
पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को फायदा
यह फैसला न सिर्फ जेबें भरेगा, बल्कि पर्यावरण की रक्षा भी करेगा। कम प्रदूषण वाली गैस को बढ़ावा मिलने से हवा साफ होगी और शहरों में प्रदूषण स्तर नीचे आएगा। सरकार का लक्ष्य ऊर्जा मिश्रण में गैस का हिस्सा बढ़ाना है, जो ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा। दूरदराज इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। कुल 500 शब्दों में यह बदलाव आम आदमी के जीवन को आसान बनाने की मिसाल है, जो नए साल को यादगार बनाएगा।
