भारतीय सरकार कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों के लिए personal tax rates घटाने पर विचार कर रही है, जिससे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की consumption में बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार के दो सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी।
सर्वे में उजागर हुई जनता की चिंताएँ
पोस्ट-पोल सर्वे ने दिखाया कि मतदाता inflation, बेरोजगारी और घटती आय को लेकर चिंतित थे।
तीव्र बढ़ोतरी के बावजूद consumption में रुकावट
भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 में विश्व में सबसे तेजी से 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, लेकिन consumption इसकी आधी दर से बढ़ा।
प्रधानमंत्री मोदी का फोकस मध्यम वर्ग पर
प्रधानमंत्री मोदी ने नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस-रूल्ड सरकार का दावा करते हुए कहा था कि उनकी प्रशासन मध्यम वर्ग की savings बढ़ाने और जीवन गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
जुलाई के अंत में पेश हो सकता है बजट
बजट में निम्नतम income slab के लिए टैक्स में राहत को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रस्तावित बजट पर नजरें टिकी हैं। उच्च inflation के चलते निम्नतम slab के लिए टैक्स में राहत आवश्यक हो सकती है।
विशेष श्रेणी को मिल सकती है राहत
पहले सूत्र ने कहा कि जिन व्यक्तियों की सालाना आय 15 लाख रुपये ($17,960.42) से अधिक है, उन्हें टैक्स में कुछ राहत मिल सकती है।
वर्तमान टैक्स स्कीम में हो सकता है बदलाव
2020 में पेश की गयी टैक्स स्कीम के तहत 15 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 5-20 प्रतिशत टैक्स लगता है, जबकि 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू है। दूसरे सूत्र ने कहा कि ये वृद्धि बहुत अधिक है।
नया थ्रेशोल्ड हो सकता है घोषित: पहले सूत्र ने बताया कि सरकार 10 लाख रुपये की सालाना आय के लिए भी personal tax rates घटाने की संभावना पर विचार कर रही है।
अपेक्षाकृत नुकसान को कम करने की योजना: दूसरे सूत्र ने बताया कि टैक्स कटौती से होने वाले संभावित नुकसान को इस श्रेणी के आयदारों द्वारा बढ़ी हुई consumption के जरिए काफी हद तक संतुलित किया जा सकता है।
वित्तीय घाटे का लक्ष्य 5.1 प्रतिशत: सरकार मार्च 2025 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए GDP का 5.1 प्रतिशत के fiscal deficit का लक्ष्य रख रही है।