Delhi – हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि दिल्ली में दस हजार करोड़ की लागत से तीसरा रिंग रोड बनाया जाएगा। बता दें कि इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, कालिंदी कुंज, और सराय काले खां जैसे प्रमुख मार्गों पर यातायात की भीड़ को कम करना है-
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) दिल्ली के यूईआर-II (शहरी विस्तार रोड-II) के पूर्वी हिस्से में एक महत्वपूर्ण विस्तार की योजना बना रहा है। इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, कालिंदी कुंज, और सराय काले खां जैसे प्रमुख मार्गों पर यातायात की भीड़ को कम करना है।
यह नया मार्ग यातायात को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से होते हुए गाजियाबाद और नोएडा की ओर मोड़ेगा, जिससे दिल्ली के आंतरिक हिस्सों में यातायात का दबाव कम हो सके। इस परियोजना से दिल्ली के तीसरे रिंग रोड को एक नया आयाम मिलेगा।
नया छह लेन वाला राजमार्ग उत्तरी दिल्ली के अलीपुर से शुरू होगा, जो फिलहाल यूईआर-II का उत्तरी छोर है। यह गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी (Tronica City, Ghaziabad) से होते हुए मंडौला के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) से जुड़ेगा। एचटी द्वारा प्राप्त दस्तावेजों से पता चला है कि वहां से यह घिटोरा और फरुखनगर से होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर समाप्त होगा।
दिल्ली की सड़क अवसंरचना के लिए एक महत्वपूर्ण विकास में, यूईआर-II विस्तार अगस्त तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा। यह नया विस्तार यूईआर-II का पूरक है, जो हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को जोड़ता है। यह गलियारा स्थानीय और लंबी दूरी के यातायात के लिए है। यह विशेष रूप से दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद होगा, जिससे उन्हें शहर के व्यस्त केंद्र में प्रवेश किए बिना उत्तरी दिल्ली और उससे आगे जाने के लिए एक सीधा मार्ग मिलेगा। यह परियोजना दिल्ली के यातायात को सुचारू बनाने और भीड़भाड़ को कम करने में मदद करेगी।
नाम न बताने की शर्त पर, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Delhi Chief Minister Rekha Gupta) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने 4 जून को हुई बैठक में दिल्ली के लिए बुनियादी ढांचागत प्राथमिकताओं पर चर्चा की। इस बातचीत में शहर की भीड़भाड़ कम करने के लिए एक वैकल्पिक गलियारे का विस्तार भी शामिल था। इस परियोजना का लक्ष्य शहरी और मालवाहक यातायात को शहर के मुख्य हिस्सों से दूर रखना है।
NHAI की एक परियोजना रिपोर्ट में विस्तार के पहले 17 किलोमीटर लंबे हिस्से की लागत 3,350 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह खंड यूईआर-II को ट्रोनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) से जोड़ेगा। अधिकारी ने आगे कहा, विचार एक वैकल्पिक बाईपास बनाने का है जो हरियाणा (Haryana), राजस्थान (rajasthan) और उत्तराखंड के बीच चलने वाले यातायात को डायवर्ट करेगा। इससे एनएच-48 (दिल्ली-जयपुर), एनएच-44, रिंग रोड और बारापुला कॉरिडोर पर भार कम होगा।
एनएचएआई ने एक दूसरे चरण का भी प्रस्ताव रखा है। यह लगभग 65 किलोमीटर लंबा है, जो मंडौला से गाजियाबाद होते हुए नोएडा तक जाएगा और घिटोरा, फरुखनगर, हिडन और इंदिरापुरम जैसे कस्बों से होकर गुजरेगा। इस खंड पर 7,500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि इससे लोनी, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद के बीच उत्तर, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से संपर्क बेहतर होगा।
एनएचएआई (NHAI) की रिपोर्ट में कहा गया है, दूसरा चरण गाजियाबाद (Gaziabad) और नोएडा (Noida) तथा दिल्ली के कुछ हिस्सों के बीच आवागमन करने वाले वाहनों के लिए एक हाई-स्पीड बाईपास के रूप में कार्य करेगा, जिससे कालिंदी कुंज, सराय काले खां और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) जैसे गलियारों पर यातायात कम होगा।
दोनों राजमार्ग खंड कुल मिलाकर 82 किलोमीटर लंबे होंगे और इनकी लागत लगभग 10,850 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों खंडों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने हेतु बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है और जल्द ही इन्हें स्वीकृत कर दिया जाएगा।