भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में एक बड़ा परिवर्तन आने वाला है क्योंकि केंद्र सरकार और ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने मिलकर वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी को अंतिम रूप दे दिया है.
car scrap discount: भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में एक बड़ा परिवर्तन आने वाला है क्योंकि केंद्र सरकार और ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने मिलकर वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी को अंतिम रूप दे दिया है. यह नीति पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और नए वाहनों की खरीद पर आकर्षक छूट देने का एक महत्वाकांक्षी कदम है.
सरकार और उद्योग की साझेदारी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस पॉलिसी पर गहन चर्चा के बाद, Society of Indian Automobile Manufacturers (SIAM) के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस पहल को आगे बढ़ाया है. इस सहमति से भारत में वाहन प्रदूषण कम करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर में नई तकनीक और पुनर्नवीनीकरण को बढ़ावा देने की उम्मीद है.
व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के फायदे
1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होने जा रही इस नीति के तहत पुराने प्राइवेट और कमर्शियल वाहन जो निर्धारित फिटनेस मानदंडों को पूरा नहीं कर पाते हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से बाजार से हटाया जाएगा. इसके बदले में उपभोक्ताओं को नए वाहन खरीदने पर मिलने वाली छूट से लाभ होगा.
निर्माताओं द्वारा दी जाने वाली छूट
मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हुंडई, किआ और अन्य यात्री वाहन निर्माताओं ने स्क्रैप हो चुके वाहनों के बदले नए वाहनों पर 1.5% या ₹20,000 की छूट (जो भी कम हो) देने की घोषणा की है. वहीं, मर्सिडीज बेंज इंडिया ने ₹25,000 की अतिरिक्त फ्लैट छूट देने की भी बात कही है.
कमर्शियल व्हीकल्स पर छूट की विशेषताएँ
कमर्शियल वाहनों के लिए भी यह पॉलिसी लाभदायक सिद्ध होने वाली है. टाटा मोटर्स, वोल्वो, आयशर, अशोक लीलैंड और अन्य ने विभिन्न श्रेणियों में छूट की पेशकश की है.
सरकारी उपक्रम और आगे के कदम
सरकार ने 2025 तक 90,000 सरकारी वाहनों को स्क्रैप में बदलने का लक्ष्य रखा है. इस दिशा में, 60 स्क्रैपिंग सेंटर्स और 75 ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन्स की स्थापना की जा रही है, जो इस नीति के क्रियान्वयन को सुगम बनाएंगे.