7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार 12 मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में वृद्धि की घोषणा कर सकती है। यह बढ़ोतरी होली (14 मार्च) से पहले दी जा सकती है, जिससे करीब 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। आठवें वेतन आयोग के प्रस्ताव की मंजूरी के बाद से ही कर्मचारी इस बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
महंगाई भत्ते में कितनी होगी बढ़ोतरी
सरकार हर साल दो बार – 1 जनवरी और 1 जुलाई को महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। हालांकि, इसकी घोषणा अलग-अलग समय पर की जाती है, लेकिन यह इन्हीं तारीखों से प्रभावी माना जाता है। पिछली बार जुलाई 2024 में महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे यह 50 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी हो गया था। साल 2024 के दिसंबर तक के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आंकड़े अब सामने आ चुके हैं। इन आंकड़ों के आधार पर अनुमान है कि इस बार महंगाई भत्ते में 2 फीसदी की वृद्धि हो सकती है, जिससे यह 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा।
कर्मचारियों की सैलरी पर क्या होगा असर
यदि महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है, तो इसका सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन 18,000 रुपये है, तो वर्तमान में 53 प्रतिशत डीए के हिसाब से उसे 9,540 रुपये का महंगाई भत्ता मिल रहा है। लेकिन 2 प्रतिशत बढ़ने पर यह 9,900 रुपये हो जाएगा, यानी हर महीने 360 रुपये का फायदा होगा। वहीं, अगर महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत बढ़ाया जाता है, तो यह 10,080 रुपये हो जाएगा, जिससे कर्मचारियों को हर महीने 540 रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
पेंशनर्स को भी मिलेगा फायदा
महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी केवल सेवारत कर्मचारियों के लिए ही नहीं, बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी फायदेमंद होगी। महंगाई राहत (डीआर) में भी इसी अनुपात में वृद्धि की जाएगी, जिससे पेंशनर्स की मासिक आय में भी इजाफा होगा। यह बढ़ोतरी उन्हें बढ़ती महंगाई से निपटने में मदद करेगी। पेंशनर्स के लिए यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी आय के स्रोत सीमित होते हैं और वे मुख्य रूप से अपनी पेंशन पर ही निर्भर रहते हैं।
महंगाई भत्ता क्यों महत्वपूर्ण है
महंगाई भत्ता कर्मचारियों के वेतन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उन्हें बढ़ती महंगाई के प्रभाव से बचाने के लिए दिया जाता है। जैसे-जैसे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती हैं, कर्मचारियों की क्रय शक्ति कम होती जाती है। इसी को संतुलित करने के लिए सरकार समय-समय पर महंगाई भत्ते में वृद्धि करती है। महंगाई भत्ते की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आधार पर की जाती है, जो मुद्रास्फीति का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
कैबिनेट बैठक में होगा अंतिम निर्णय
महंगाई भत्ते में वृद्धि पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 12 मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा। इसके बाद ही आधिकारिक घोषणा की जाएगी। हालांकि, अभी तक डीए हाइक को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, सरकार होली से पहले कर्मचारियों को यह तोहफा जरूर देगी। एक बार वृद्धि की घोषणा होने के बाद, यह 1 जनवरी 2025 से प्रभावी मानी जाएगी और कर्मचारियों को पिछले महीनों का बकाया भी मिलेगा।
8वें वेतन आयोग की स्थिति
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है, जिसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। सरकार हर दस साल के अंतराल पर नया वेतन आयोग गठित करती है। 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त हो रहा है, इसलिए अनुमान है कि सरकार जनवरी 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू कर सकती है। हालांकि, अभी तक इसकी शर्तें और सदस्यों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
कर्मचारियों की अपेक्षाएं
केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स महंगाई भत्ते में अधिक से अधिक बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। वे लंबे समय से इस बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि बढ़ती महंगाई ने उनके बजट पर दबाव डाला है। विशेष रूप से, खाद्य पदार्थों, ईंधन और आवास की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने उनकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है। इसलिए, महंगाई भत्ते में यह वृद्धि उनके लिए राहत लेकर आएगी और उन्हें बेहतर जीवन स्तर बनाए रखने में मदद करेगी।
केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में प्रस्तावित बढ़ोतरी करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। यह न केवल उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि उन्हें बढ़ती महंगाई के दौर में अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में भी मदद करेगी। होली के त्योहार से पहले यह तोहफा उनके जीवन में खुशियां लाएगा और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा। अब सभी की नजरें 12 मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं, जहां इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।