7th Pay Commission : केंद्र सरकार मौजूदा और रिटायर कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दे सकती है। दरअसल हाल ही में सरकार की ओर से आए एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि अब कर्मचारियों की पेंशन तीन साल पहले खाते में आ जाएगी… सरकार की ओर से जारी इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ लें-
केंद्र सरकार मौजूदा और रिटायर कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दे सकती है। लंबे समय से अटकी कम्यूटेड पेंशन बहाली की अवधि 15 साल से घटाकर 12 साल की जा सकती है। इससे कर्मचारियों को काफी फायदा होगा, क्योंकि उन्हें अब तीन साल पहले ही अपनी पूरी पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।
यह मांग नेशनल काउंसिल (JCM) स्टाफ साइड की ओर से केंद्र सरकार (central government) को सौंपे गए मांग पत्र का हिस्सा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इसे आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में शामिल किया जा सकता है।
क्या है कम्यूटेड पेंशन और क्यों जरूरी है बदलाव?
जब कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है, तो उसे अपनी मासिक पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में लेने का विकल्प मिलता है। इसे पेंशन का कम्यूटेशन कहते हैं। इस विकल्प को चुनने पर, सरकार द्वारा दी गई अग्रिम राशि की वसूली के लिए अगले 15 साल तक उसकी मासिक पेंशन से कटौती की जाती है। यह सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए तुरंत बड़ी राशि प्राप्त करने का अवसर देता है।
फिलहाल यह प्रक्रिया 15 साल तक चलती है, लेकिन पेंशनर्स (pensioners) और कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह अवधि बहुत लंबी है। आर्थिक रूप से असमान है। खासकर वर्तमान समय में ब्याज दरें कम हो रही हैं। जीवन-यापन की लागत बढ़ रही है, तो रिटायर कर्मचारी (retire employees) अपनी ही पेंशन से लंबे समय तक वंचित रह जाते हैं।
क्यों जरूरी है बहाली अवधि 12 साल करना?
सरकारी कर्मचारी यूनियनें 15 की बजाय 12 साल की बहाली अवधि की मांग कर रही हैं। उनका तर्क है कि इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपनी पूरी पेंशन जल्द मिलनी शुरू हो जाएगी। जिससे वे चिकित्सा खर्चों, सामाजिक जिम्मेदारियों और पारिवारिक आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा कर पाएंगे।
इसके अलावा 12 साल की अवधि से सरकार के राजस्व पर भी बहुत अधिक भार नहीं पड़ेगा, क्योंकि पहले ही कटौती की गई रकम और ब्याज का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है।
आठवें वेतन आयोग में प्रस्ताव हो सकता है शामिल-
सरकारी सूत्रों के मुताबिक यह मांग अब आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) के टर्म ऑफ रेफरेंस में शामिल किए जाने पर विचाराधीन है। यह प्रस्ताव ToR में जगह पाता है, तो यह तय माना जा रहा है कि भविष्य में यह बदलाव लागू हो सकता है।
आठवें वेतन आयोग की वर्तमान स्थिति-
गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। प्रत्येक 10 साल में नया वेतन आयोग लागू होता है, इसलिए आठवें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू माना जा रहा है।
हालांकि, सरकार (government) ने अभी तक आयोग के गठन या उसके सदस्यों की घोषणा नहीं की है, जिससे इसकी प्रक्रिया में संभावित देरी की अटकलें लगाई जा रही हैं।