8वां वेतन आयोग- सरकारी नौकरी करने वालों के लिए वेतन आयोग एक ऐसा मौका है जो उन्हें अपनी ज़िंदगी थोड़ी बेहतर बनाने की उम्मीद देता है। हर वेतन आयोग के साथ न सिर्फ़ सैलरी बढ़ती है, बल्कि एक नई उम्मीद भी जन्म लेती है कि शायद इस बार ज़िंदगी थोड़ी आसान हो जाए। अब जब 8वें वेतन आयोग की चर्चा तेज़ हो गई है, तो लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की नज़रें सरकार पर टिकी हैं।
हाल ही में नेशनल काउंसिल ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) के सचिव (कर्मचारी पक्ष) शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि 8वें वेतन आयोग को जनवरी 2026 से लागू किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि पिछली बार 7वां वेतन आयोग जुलाई 2016 में लागू हुआ था, जबकि इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से प्रभावी हुई थीं। ऐसे में इस बार भी यही पैटर्न दोहराया जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों को समय पर राहत मिल सके।
वेतन में कितनी वृद्धि हो सकती है?
जेसीएम ने यह भी कहा है कि इस बार 30 से 34 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि संभव है। अगर ऐसा होता है, तो इससे न सिर्फ़ कर्मचारियों की जेब को राहत मिलेगी, बल्कि बाज़ार पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। हालाँकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कर्मचारी संगठनों की सक्रियता से साफ़ है कि इस बार दबाव कुछ ज़्यादा ही है। कई राज्यों में चुनाव भी नज़दीक हैं, इसलिए यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी अहम हो सकता है।
अब देखना यह है कि सरकार इस माँग को कितनी गंभीरता से लेती है। क्या आठवाँ वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होगा? क्या लाखों कर्मचारियों की उम्मीदें पूरी होंगी? इस समय देश भर के सरकारी दफ्तरों में बस एक ही चर्चा है कि आठवाँ वेतन आयोग कब लागू होगा।