जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी। लेकिन आठ महीने बीतने के बाद भी इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन सामने नहीं आया है। यही कारण है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच चिंता बढ़ रही है और सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसमें देर क्यों हो रही है और उन्हें इसका लाभ कब मिलेगा।
अब तक क्या हुआ है?
जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा जरूर हुई, लेकिन अधिसूचना जारी न होने के कारण आयोग का गठन अधर में है। जब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं होगा, तब तक अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति संभव नहीं है। यानी प्रक्रिया का पहला कदम ही अभी अटका हुआ है, जिसके चलते आगे की कार्यवाही रुक गई है।
मंत्री का बयान और कर्मचारियों की उम्मीद
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में कहा है कि अधिसूचना “उचित समय” पर जारी की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग के संदर्भ की शर्तें (Terms of Reference – ToR) तय करने के लिए रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और राज्यों से इनपुट मांगा गया है। जैसे ही ToR फाइनल होगा, आयोग का औपचारिक गठन किया जा सकेगा।
देरी क्यों हो रही है?
फिलहाल ToR तैयार न होने के कारण अधिसूचना और नियुक्ति में देरी हो रही है। साथ ही, हाल ही में हुई कई बड़ी भू-राजनीतिक घटनाओं, जैसे ऑपरेशन सिंदूर, को भी इसकी वजह माना जा रहा है। इसी कारण कर्मचारियों को अभी और इंतजार करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की बढ़ती चिंता
केंद्रीय कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द ToR को अंतिम रूप दे। उन्हें आशंका है कि यदि देरी और लंबी खिंच गई, तो 1 जनवरी 2026 से नया वेतन ढांचा लागू करना मुश्किल हो जाएगा। उनका कहना है कि वेतन आयोग सीधे तौर पर उनके भविष्य और आर्थिक स्थिरता से जुड़ा हुआ है।
सातवें वेतन आयोग से क्या सीख मिलती है?
सातवां वेतन आयोग सितंबर 2013 में घोषित हुआ था। इसके बाद फरवरी 2014 में ToR जारी हुए और मार्च 2014 में अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति हुई। करीब 20 महीने बाद, नवंबर 2015 में आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी और सरकार ने इसे 1 जनवरी 2016 से लागू कर दिया। यानी पूरी प्रक्रिया में लगभग 44 महीने का समय लगा।
आठवें आयोग का संभावित टाइमलाइन
अगर सातवें आयोग जैसी ही समय-सीमा रही, तो आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 2027 के आखिर या 2028 की शुरुआत में लागू हो सकती हैं।
अब तक के वेतन आयोग
- पहला: 1946-47
- दूसरा: 1957-59
- तीसरा: 1972-73
- चौथा: 1983-86
- पांचवां: 1994-97
- छठा: 2006-08
- सातवां: 2014-16
सातवें वेतन आयोग के तहत मौजूदा वेतन संरचना
- न्यूनतम मूल वेतन: ₹18,000
- न्यूनतम पेंशन: ₹9,000
- फिटमेंट फैक्टर: 2.57
- अधिकतम मूल वेतन: ₹2,25,000
- शीर्ष पदों पर वेतन (कैबिनेट सचिव आदि): ₹2,50,000
- डीए/डीआर: 55%
यानी न्यूनतम वेतन पाने वाले कर्मचारी को फिलहाल लगभग ₹27,900 (18,000 + DA) और पेंशनभोगी को लगभग ₹13,950 (9,000 + DR) मिल रहे हैं।
निष्कर्ष
आठवां वेतन आयोग कर्मचारियों और पेंशनभोगियों दोनों के लिए बेहद अहम है। लेकिन ToR और अधिसूचना में देरी के कारण इसे 1 जनवरी 2026 से लागू करना मुश्किल लग रहा है। सातवें आयोग की प्रक्रिया को देखते हुए, कर्मचारियों को संशोधित वेतन का लाभ शायद 2027-28 तक ही मिल पाए।
