आठवें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएँ तेज हो चुकी हैं। आयोग की औपचारिक स्थापना हो चुकी है और इसके टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस (ToR) को भी मंजूरी मिल गई है। अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बस इसकी अंतिम रिपोर्ट और लागू होने का इंतज़ार है। हालांकि विशेषज्ञ इसे सरकार के लिए वित्तीय रूप से चुनौतीपूर्ण कदम बता रहे हैं।
प्रक्रिया के तहत अब आयोग सिफ़ारिशें तैयार करेगा, फिर मंत्रियों का समूह इन पर समीक्षा करेगा और अंत में इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। जानकारों का अनुमान है कि यह पूरी प्रक्रिया लगभग 2–3 साल तक चल सकती है।
सरकारी खजाने पर आएगा भारी दबाव – अर्थशास्त्रियों की चेतावनी
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के सदस्य और प्रसिद्ध इकोनॉमिस्ट नीलकंठ मिश्रा ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि 8th Pay Commission लागू होते ही सार्वजनिक वित्त व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा।
उनका कहना है कि आने वाले बजट में इस बोझ का अत्यंत सावधानी से मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है।
कितना बढ़ेगा भार? आँकड़े चौंकाने वाले!
नीलकंठ मिश्रा के अनुमान के अनुसार:
| विवरण | अनुमानित राशि |
|---|---|
| वेतन + पेंशन पर अतिरिक्त खर्च | ₹4 लाख करोड़ से अधिक |
| बकाया (Arrears – पाँच तिमाहियाँ) | लगभग ₹5 लाख करोड़ |
| कुल अनुमानित भार | ₹9 लाख करोड़ तक |
अर्थात, वेतन व पेंशन सुधार लागू होने पर सरकारी ख़ज़ाने पर 9 लाख करोड़ रुपए तक का भार पड़ सकता है — जो वित्तीय अनुशासन के लिहाज़ से बेहद बड़ा कदम है।
क्या है सरकार की सबसे बड़ी चुनौती?
नीलकंठ मिश्रा के मुताबिक:
सरकार को Fiscal Deficit (राजकोषीय घाटा) और Debt-to-GDP Ratio के नियमों का पालन करते हुए यह बढ़ोतरी करनी होगी।
मतलब, कर्मचारियों को राहत देने के साथ-साथ आर्थिक स्थिरता बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा।
सीधे शब्दों में
| लाभ | चुनौती |
|---|---|
| कर्मचारियों की सैलरी व पेंशन बढ़ेगी | सरकार पर खर्च में तेज उछाल |
| खपत बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था को गति | बजटीय दबाव और कर्ज़ बढ़ने की संभावना |
| राजनीतिक रूप से लोकप्रिय कदम | भविष्य में वित्तीय तनाव की आशंका |
⭐ निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग की उम्मीदों के बीच, विशेषज्ञ लगातार वित्तीय अनुशासन पर जोर दे रहे हैं।
स्पष्ट है — वेतन आयोग से कर्मचारियों के चेहरे ज़रूर खिलेंगे, लेकिन सरकार को इसे लागू करते समय आर्थिक सेहत और सीमाओं का गंभीरता से ध्यान रखना होगा।
