नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा जनवरी 2025 में किए गए ऐलान ने लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में उम्मीद जगा दी थी। उन्होंने घोषणा की थी कि केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी दे दी है, जिससे करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को फायदा मिलेगा।
हालांकि, इस घोषणा के नौ महीने बीत जाने के बावजूद आयोग से जुड़ी कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। न तो टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तय हुए हैं और न ही सदस्यों की नियुक्ति की गई है। इस देरी के चलते कर्मचारियों के बीच अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या उन्हें 2028 तक इंतजार करना पड़ेगा।
देरी से बढ़ी चिंताएं
कर्मचारी अब भी आयोग के लागू होने की तारीख को लेकर असमंजस में हैं। जनवरी की घोषणा के बाद से अब तक कोई ठोस प्रगति न होना यह संकेत देता है कि आयोग की प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में ही है। आमतौर पर, किसी वेतन आयोग को लागू होने में दो से तीन वर्ष का समय लगता है — जिसमें रिपोर्ट तैयार करना, सरकार को सिफारिशें सौंपना और फिर मंजूरी की प्रक्रिया शामिल होती है।
पिछले आयोगों से क्या मिला अनुभव
इतिहास बताता है कि छठे और सातवें वेतन आयोग को भी गठन से कार्यान्वयन तक लगभग 22 से 33 महीने का समय लगा था। यदि यही पैटर्न 8वें आयोग में भी दोहराया गया, तो इसके 2028 तक लागू होने की संभावना मजबूत है।
उम्मीद अब भी बाकी
हालांकि, सरकार की ओर से किसी तरह का आधिकारिक अपडेट नहीं आया है, लेकिन वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रक्रिया जल्द शुरू होती है, तो आयोग की रिपोर्ट 2027 तक तैयार हो सकती है और 2028 की शुरुआत में लागू होने की संभावना है।
कुल मिलाकर, कर्मचारियों के लिए यह इंतजार थोड़ा लंबा जरूर है, लेकिन 8वें वेतन आयोग की घोषणा ने भविष्य में सैलरी रिवीजन और पेंशन बढ़ोतरी की नई उम्मीदें जगा दी हैं।