8th CPC Updates : देश के लगभग 1 करोड़ 18 लाख केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी (Central Government Employees ) के लिए अच्छी खबर सामने आई है। अपडेट के मुताबिक जल्द ही कर्मचारियों को मोदी सरकार की ओर से सैलरी बढ़ौतरी का तोहफा मिलने वाला है। ऐसे में आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि आठवां वेतन आयोग कब तक बन जाएगा, जिससे कर्मचारियों को सैलरी बढ़ौतरी का लाभ मिल सकें।
आठवें वेतन आयोग को लेकर इन दिनों चर्चांए काफी तेज हो गई है और अब एक बड़ी खबर यह आ रही है कि कर्मचारियों के लिए आने वाला सप्ताह बेहद अहम साबित हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (Terms of Reference) यानी कार्यक्षेत्र तय कर लिए गए हैं, इसके साथ ही इसके अध्यक्ष और सदस्यों के नामों पर भी मुहर लग चुकी है। ऐसे में आइए खबर में जानते हैं कि आठवां वेतन आयोग कब तक लागू हो सकता है।
सैलरी स्ट्रक्चर दोबार होगा तय
आपको बता दें कि 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए नए वेतनमान, पेंशन संरचना, भत्तों और अन्य सुविधाओं की सिफारिशें को तैयार करेगा। वैसे आमतौर पर हर दस साल में यह प्रोसेस होता है, जिसके माध्यम से महंगाई और आर्थिक स्थिति के हिसाब से सैलरी स्ट्रक्चर दोबारा तय किया जाता है।
अब इस बार भी सरकार ने आयोग के गठन से पहले राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों (public sector undertakings) और अन्य हितधारकों से भी इसके लिए सुझाव मांग लिए गए हैं, ताकि सिफारिशें जमीनी हकीकत के पास हो।
गठन में देरी से कर्मचारियों की बढ़ी चिंताए
वैसे तो इस बार वेतन आयोग का गठन पिछली बारों की तुलना में लगभग एक साल की देरी से लागू होने की संभावना है। उम्मीद है कि आयोग को अपनी रिपोर्ट (8th cpc report) तैयार करने में 6 से 12 महीने का वक्त लग सकता है। जैसे ही रिपोर्ट लागू होती है तो उसके बाद इसके प्रभाव 1 जनवरी 2026 से पिछली तारीख से लागू माने जाएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 16 जनवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही आयोग के गठन को लेकर मंजूरी दे दी थी।
घरेलू खपत और मांग में भी होगी बढ़त
वैसे तो वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी (employees’ salaries) ओर पेंशन में बंपर इजाफा देखने को मिलेगा, जिससे घरेलू खपत और मांग में भी बढ़त होती है। हालांकि, एक ओर पहलू यह भी है कि इससे केंद्र, राज्य और सार्वजनिक उपक्रमों (State and public sector undertakings) पर बड़ा वित्तीय भार पड़ सकता है, क्योंकि ज्यादातर राज्य केंद्र के अनुरूप ही वेतन संरचना लागू करते हैं। बता दें कि वेतन आयोग की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होतीं, लेकिन फिर भी परंपरागत रूप से केंद्र सरकार इन्हें थोड़े संशोधन के लागू करती आई है।
कब लागू हुआ था सातवां वेतन आयोग
वर्तमान में चल रहा 7वां केंद्रीय वेतन आयोग (7th pay commission) 28 फरवरी 2014 को गठित किया गया था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई है। उससे सैलरी (Employees Salary) और पेंशन में औसतन 23.55 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला था।
हालांकि, इसका प्रभाव सरकार खजाने पर भारी पड़ा। इसका केंद्र सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आया और इससे वित्तीय घाटे को 3.9 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत तक लाना भी काफी मुश्किल हो गया था।
कर्मचारियों की सैलरी में होगा सुधार
जानकारों का कहना है कि 8वें वेतन आयोग (8th cpc updates) की सिफारिशें लागू होते ही इसके प्रभाव को मीडियम-टर्म फिस्कल रोडमैप और 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों में इसको जोड़ा जाएगा। बता दें कि 16वां वित्त आयोग FY27 से FY31 (2027–2031) के लिए राज्यों को टैक्स शेयरिंग और ग्रांट(grants) का ढांचा तय करेगा। यानी की सैलरी बदलाव केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों तक फैलेगा। राज्य अपने कर्मचारियों की सैलरी में सुधार के लिए आम तौर पर केंद्र के आयोग का फॉलो करते हैं।
क्यों बढ़ी कर्मचारियों की उम्मीदें
केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के मुताबिक उम्मीद की जा रही है कि उन्हें 8वें वेतन आयोग से महंगाई भत्ते (dearness allowance), फिटमेंट फैक्टर और पेंशन में समानुपातिक सुधार हो सकता है। अगर आयोग इन पर पॉजिटिव सिफारिशें करता है, तो कर्मचारियों की नेट इनकम (Net income of employees) में बंपर इजाफा देखने को मिल सकता है।
