8th Pay Commission : कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी। दरअसल हाल ही में आए एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि नए साल से पहले कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिलने वाला है। इससे सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 186 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है-
7वें वेतन आयोग को लागू हुए 8 साल हो चुके हैं और इस दौरान महंगाई काफी बढ़ गई है। सरकारी कर्मचारी 8वें वेतन आयोग की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। वर्तमान में, सरकारी कर्मचारियों (government employees) को 7वें वेतनमान के तहत 18,000 रुपए की बेसिक सैलरी (Basic Salary) मिल रही है, जबकि 6वें वेतनमान में यह राशि 7,000 रुपए थी। महंगाई के इस बढ़ते परिप्रेक्ष्य (Perspective) में, 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना है।
186% की हो सकती है बढ़ोतरी-
अगर सब कुछ सही रहा, तो केंद्र सरकार इस बार के बजट में 8वें वेतनमान (8th pay commission) की घोषणा कर सकती है। इससे सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 186 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, पेंशनभोगियों (pensioners) की पेंशन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी। यह कदम सरकारी सेवकों और पेंशनरों के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक विकास होगा, जो उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा।
8वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन, पेंशन-
नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 8वें वेतन आयोग के अंतर्गत 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद जताई है। यह 7वें वेतन आयोग के 2.57 की तुलना में 29 आधार अंक अधिक है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यदि सरकार 2.86 के फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) को मंजूरी देती है, तो सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए से बढ़कर 51,480 रुपए होगा, जो 186 प्रतिशत की वृद्धि है। इसी अनुपात में पेंशन में भी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे मौजूदा पेंशन 9,000 रुपए से बढ़कर 25,740 रुपए हो जाएगी। यह वृद्धि तभी संभव है जब 2.86 फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor Update) लागू किया जाए।
8वां वेतन आयोग का गठन कब होगा?
नए वेतन आयोग (New pay commission) के गठन की आधिकारिक तिथि की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह संभावना है कि इसकी घोषणा अगले बजट 2025-26 में की जा सकती है। पिछले बजट 2024-25 में भी वेतन आयोग की मांग उठाई गई थी। इस मुद्दे पर कर्मचारी यूनियनों ने कैबिनेट सचिव और वित्त मंत्रालय से संपर्क किया है, ताकि उनकी मांगों का ध्यान रखा जा सके।