Government employee salary : देशभर के सरकारी कर्मचारियों को लेकर समय-समय पर अपडेट जारी होते रहते हैं। हाल ही में देश भर के लाखों सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी बढ़ने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आइए आज की खबर में जानते हैं कि क्या बजट 2025 में होगा आठवी वेतन आयोग का ऐलान…
8th Pay Commission) यूनियन बजट 2025 (union budget 2025) के नजदीक आने के साथ ही केंद्रीय सरकारी कर्मचारी(central government employee) और पेंशनभोगियों की उम्मीद आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बढ़ गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद की जा रही है कि आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर उनकी मांग पर सुनवाई होगी। बता दें कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1 फरवरी 2025 को बजट पेश किया जाएगा।
हर साल बजट से पहले वित्त मंत्रालय अलग-अलग सेक्टर और समूहों से मांगो का (Finance Minister Nirmala Sitharaman) सुझाव लेता है। ये समूह प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर में काम कर रहे करोड़ों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हाल ही में ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री सीतारमण से मुलाकात की थी। कस्टमरी प्री-बजट मीटिंग के दौरान उन्होंने कई मांगों पर जोर दिया। इनमें आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग भी शामिल है जिससे करीब 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ेगा।
Pre-Budget कंसल्टेशन मीटिंग में उठा मुद्दा
प्री-बजट कंसल्टेशन मीटिंग में centre of Indian Trade Unions (CITU)के राष्ट्रीय सचिव स्वदेश देव रॉय ने नए वेतन आयोग के मुद्दे को उठाया। यूनियन लीडर ने वेतन आयोग को तुरंत गठित करने की मांग की क्योंकि मौजूदा सातवें वेतन आयोग को बने 10 साल से ज्यादा का समय हो चुका है।
बता दें कि 8वें वेतन आयोग को 2026 में लागू होना है। सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है। आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का गठन फरवरी 2014 में यूपीए सरकार के समय हुआ था। और इसकी सिफारिशें बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA सरकार के सत्ता में आने के बाद जनवरी 2016 में लागू की गई थीं।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि नए पे कमीशन का कार्यकाल जनवरी 2026 में शुरु होगा और पिछले ट्रेंड्स को देखें तो चौथे, पांचवे और छठे वेतन आयोग ने 10 साल का कार्यकाल पूरा किया है। अगर यही ट्रेंड बरकरार रहता है तो मौजूदा पे कमीशन का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2025 को खत्म हो जाएगा।
गौर करने वाली बात है कि अलग-अलग ट्रेड यूनियन और कर्मचारी प्रतिनिधि लंबे समय से आठवें वेतन आयोग को बनाने की मांग कर रहे हैं। पिछले महीने संयुक्त जॉइन्ट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) की राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष) ने यूनियन कैबिनेट सेक्रेटरी को पत्र लिखकर नए पे कमीशन (Pay Commission) के ‘त्वरित’ गठन की मांग की थी।
3 दिसंबर को लिखे पत्र में कर्मचारी पक्ष ने यह जोर देकर कहा था कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुए 9 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। और 1 जनवरी 2026 से अगले वेतन व पेंशन रिवीजन ड्यू हैं।
अपने पत्र में, एनसी जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने के लिए 1986 में चौथे वेतन आयोग के बाद से बनाए गए 10 साल की साइकिल की ऐतिहासिक मिसाल पर जोर दिया।
वित्त मंत्री से मुलाकात में प्री-बजट मीटिंग में ट्रेड यूनियनों ने दूसरी कौन सी मांगें कीं?
आठवें वेतन आयोग के अलावा, ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री के साथ अपनी बैठक में न्यूनतम ईपीएफओ पेंशन को बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह करने, आगामी 2025-26 के बजट में अमीरों पर अधिक कर लगाने, आयकर बढ़ाने पर भी जोर दिया। छूट की सीमा 10 लाख रुपये प्रति वर्ष, गिग श्रमिकों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए टीयूसीसी के राष्ट्रीय महासचिव एसपी तिवारी ने कहा कि यूनियनें चाहती हैं कि सरकार सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) के सभी निजीकरण और निगमीकरण को रोक दे। उन्होंने अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के वित्तपोषण के लिए अति-अमीरों पर अतिरिक्त 2% टैक्स का भी प्रस्ताव रखा। तिवारी ने कृषि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने और उनके लिए न्यूनतम वेतन निर्धारित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
भारतीय मजदूर संघ (BMS) के आयोजन सचिव (उत्तरी क्षेत्र) पवन कुमार ने शुरुआती कदम के रूप में ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह करने की वकालत की, जिसे बाद में वीडीए (परिवर्तनीय महंगाई भत्ता) से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने आयकर छूट सीमा (income tax exemption) को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने और पेंशन आय को टैक्स से छूट देने की भी सिफारिश की। इसके अतिरिक्त, कुमार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए 8वें वेतन आयोग के तत्काल गठन का आह्वान किया।