8th Pay Commission – केंद्र सरकार ने दिवाली के बाद और बिहार चुनावों से पहले आठवें वेतन आयोग के लिए नियमों और शर्तों को मंजूरी दे दी है। यह कदम अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि बढ़ी हुई आय से बाजार में मांग बढ़ेगी… अपनी सिफारिशें देते समय वह किन बातों का ध्यान रखेगा…आइए, यहां ऐसे सभी सवालों के जवाब जानते हैं-
केंद्र सरकार ने दिवाली के बाद और बिहार चुनावों से पहले आठवें वेतन आयोग के लिए नियमों और शर्तों को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत है, जिससे उनके लाइफस्टाइल में सुधार होने की उम्मीद है।
यह कदम अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि बढ़ी हुई आय से बाजार में मांग बढ़ेगी। हालांकि, सरकार को इस वेतन बढ़ोतरी के वित्तीय बोझ का प्रबंधन भी ध्यान में रखना होगा।
यह सुनिश्चित करना होगा कि देश की वित्तीय स्थिति पर इसका प्रतिकूल असर न पड़े। राज्य सरकारों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। उन्हें भी अपनी वित्तीय योजनाएं बनानी होंगी। यह कब तक लागू होगा, आयोग की सिफारिशें कब से प्रभावी होने की संभावना है, अपनी सिफारिशें देते समय वह किन बातों का ध्यान रखेगा…आइए, यहां ऐसे सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
 
आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी कब मिली?
केंद्र सरकार ने 28 अक्टूबर, 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आठवें वेतन आयोग (8th pay commission latest news) के गठन से संबंधित नियमों और शर्तों को मंजूरी दी।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें कब से प्रभावी होने की संभावना है?
आमतौर पर हर 10 साल के अंतराल पर केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) के लिए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाती हैं। इस परिपाटी को देखते हुए आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के भी जनवरी, 2026 से लागू किए जाने की संभावना है।
8वें वेतन आयोग से कितने लोग लाभान्वित होंगे?
केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। यह लाभ वेतन या पेंशन में बढ़ोतरी से संबंधित है। (8th pay commission update)
यह कदम राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा, क्योंकि केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद ज्यादातर राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में वृद्धि के लिए इसी तरह के वेतन आयोगों का गठन करती हैं। यह घोषणा बड़े पैमाने पर वेतन और पेंशन में सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगी।
आठवें वेतन आयोग का प्रमुख (चेयरमैन) किसे नियुक्त किया गया है?
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को एक प्रमुख आयोग की कमान सौंपी गई है। यह उनके रिटायरमेंट के बाद का चौथा प्रमुख कार्यभार है। वर्तमान में वह भारतीय प्रेस परिषद की चेयरमैन हैं। इससे पहले, वह जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग और उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की मसौदा समिति की भी अध्यक्ष रह चुकी हैं।
आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट कब तक देगा?आयोग को अपनी अंतिम रिपोर्ट 18 महीने (संभवतः अप्रैल/मई 2027 तक) में देनी होगी। वह समय-समय पर अंतरिम रिपोर्टें भी देगा।
आयोग अपनी सिफारिशें देते समय किन बातों का ध्यान रखेगा?
आयोग देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय सूझबूझ, विकास के साथ कल्याणकारी व्यय के लिए संसाधनों की उपलब्धता और इसकी सिफारिशों का राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखेगा।
 
पिछले वेतन आयोग की सिफारिशें कब लागू हुई थीं?
पिछले यानी सातवें वेतन आयोग (7th pay commission news) की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू की गई थीं।
सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा?
आठवें वेतन आयोग का सरकारी खजाने पर भारी असर पड़ने की संभावना है। पिछले अनुमानों के मुताबिक, इसका वित्तीय बोझ करीब 2 से 2.5 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। हालांकि, इसमें से कुछ पैसा टैक्स (tax) के रूप में सरकार के पास वापस भी आ जाएगा। जुलाई में कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले केंद्रीय वेतन आयोगों की रिपोर्टों का असर जीडीपी का 0.6-0.8% रहा है।
फिटमेंट फैक्टर कितना होगा?
आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) कितना होगा, यह अभी आधिकारिक तौर पर तय नहीं हुआ है। फिटमेंट फैक्टर का निर्धारण आयोग की ओर से अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल करेगा। फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर होता है। इसका इस्तेमाल कर्मचारियों के पुराने मूल वेतन (बेसिक पे) को नए वेतन आयोग के तहत नए मूल वेतन में बदलने के लिए किया जाता है। (employees latest update)
कैसे होगा कैलकुलेशन?
उदाहरण के लिए सातवें वेतन आयोग (7th pay commission news) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये था तो उसका नया मूल वेतन 18,000 रुपये x 2.57 = 46,260 रुपये हुआ था। आठवें वेतन आयोग में यह फैक्टर जितना अधिक होगा, कर्मचारियों के वेतन (employees salary) में उतनी ही ज्यादा बढ़ोतरी होगी।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		