8th Pay Commission : देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों को तगड़ा झटका लग सकता है. दरअसल आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, वेतन में सिर्फ इतने प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है, जो सातवें वेतन आयोग में मिली 14.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी से कम है… इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-
आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों को झटका लग सकता है. इसमें अनुमान लगाया गया है कि वेतन में सिर्फ 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है, जो सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) में मिली 14.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी से कम है. यह जानकारी कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट में सामने आई है.
बेसिक सैलरी में संशोधन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्रमुख मल्टीप्लायर फिटमेंट फैक्टर, इस बार 1.8 पर आंका जाने की उम्मीद है, जो सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) के दौरान इस्तेमाल किए गए 2.57 से काफी कम है.
1.8 फिटमेंट फैक्टर के लागू होने पर, मूल वेतन को 1.8 से गुणा किया जाएगा, जिससे कुल वेतन में लगभग 13% की वृद्धि होगी. यह वृद्धि इसलिए सीमित होगी क्योंकि नया वेतन ढांचा लागू होते ही वर्तमान में 55% पर मौजूद महंगाई भत्ता (DA) शून्य हो जाएगा.
मूल वेतन में मामूली वृद्धि, लेकिन डीए में बदलाव से भरपाई हो जाएगी-
वर्तमान में, केंद्र सरकार के कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है. हालांकि, लंबे समय से चर्चा चल रही है कि इसे 1.8 फिटमेंट फैक्टर के साथ बढ़ाकर 32,000 रुपये तक किया जा सकता है. लेकिन, जब हम 18,000 रुपये का 55% यानी 9,900 रुपये के मौजूदा महंगाई भत्ते (DA) को देखते हैं, तो वास्तविक वेतन वृद्धि (salary hike) बहुत ही कम होगी.
इसी तरह 50000 रुपये की बेसिक सैलरी (employees basic salary) पाने वाले कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित फिटमेंट फैक्टर के तहत संशोधित वेतन 90,000 रुपये तक पहुंच सकता है, लेकिन 27,500 रुपये (50,000 रुपये का 55 फीसदी) के मौजूदा डीए कंपोनेंट के साथ प्रभावी वृद्धि फिर से सीमित होगी.
कर्मचारी संघ की 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर के बराबर की मांग-
कर्मचारी संघों ने फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) को लेकर अपनी असहमति जताई है, जिसे केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए प्रस्तावित किया गया है. नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के कर्मचारी पक्ष ने इस पर असंतोष व्यक्त किया है. उन्होंने मांग की है कि नया फिटमेंट फैक्टर कम से कम उतना ही होना चाहिए, जितना सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) के समय था. उनकी मांग है कि वेतन और पेंशन में पर्याप्त वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इसमें सुधार किया जाए.
हालांकि, शुरुआती संकेत बताते हैं कि सरकार कम आंकड़े पर समझौता कर सकती है।.आने वाले महीनों में आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) का औपचारिक गठन होने की उम्मीद है, और इसकी सिफारिशों को 2026 के आसपास लागू किए जाने की संभावना है.