8th Pay Commission Update : देश के एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। अब जल्द ही 8वां वेतन आयोग लागू होने वाला है। इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी सीधा 50 हजार रुपये से बढ़कर 1 लाख रुपये प्रति महीना हो जाएगी। आईये नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं 8वें पे कमीशन का पूरा कैलकुलेशन।
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी। अब तक इसे 10 महीने का समय हो चुका है लेकिन लागू नहीं किया गया है। हाल ही में 8वें वेतन आयोग पर बड़ा अपडेट सामने आया है। सरकार ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी TOR को हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।
अब यह आयोग अपनी रिपोर्ट 18 महीनों में इसे सौंप देगा। इसके बाद यह रिपोर्ट केंद्रीय कैबिनेट के पास समीक्षा और मंजूरी के लिए जाएगी। जब कैबिनेट किसी वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देती है, तो वह ‘फिटमेंट फैक्टर’ को भी मंजूरी देती है। फिटमेंट फैक्टर (fitment factor Update) के आधार पर सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में बढ़ौतरी होगी।
इतना रखा जा सकता है फिटमेंट फैक्टर –
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को साल 2014 में लागू किया गया था और इसकी सिफारिशें साल 2016 में शुरू हुई थी। उस समय 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। अब कर्मचारियों के मन में सवाल उठ रहा है कि 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर क्या होगा, यह जानने में अभी समय लगेगा। लेकिन यह फिटमेंट फैक्टर आखिर वेतन और पेंशन कैसे तय करता है? इसे कैसे तय किया जाता है? क्या महंगाई भत्ता (dearness allowance) का भी इसमें कोई रोल होता है? अगर 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय हुआ तो वेतन और पेंशन कितनी बढ़ जाएगी? चलिए जानते हैं।
35हजार से 73 से ज्यादा होगी सैलरी –
ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लॉइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले वेतन आयोग के हिसाब से कर्मचारी की जो न्यूनतम बेसिक सैलरी होती है, उसे नए फिटमेंट फैक्टर (fitment factor update) से गुणा करके नए वेतन आयोग के तहत मूल वेतन तय किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि किसी कर्मचारी की बैसिक सैलरी (Basic Salary Hike) 35,000 रुपये प्रति महीना है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.11 तय होता है, तो उस कर्मचारी की प्रति महीना सैलरी 73,850 रुपये हो जाएगी।
महंगाई भत्ते का रोल
कर्मचारी का महंगाई भत्ता (dearness allowance) सीधे तौर पर फिटमेंट फैक्टर तय नहीं करता है। लेकिन जब कोई वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर तय करता है, तो मूल वेतन के आधार पर गणना किए जाने वाले DA की दर भी एक महत्वपूर्ण कारक होती है। मौजूदा समय में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) 58% है और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक इसमें 12% की बढ़ोतरी होती है, तो महंगाई भत्ता (DA Hike) 70% तक पहुंच सकता है।
इसके अलावा सरकार ग्रोथ फैक्टर की गणना करती है, जो पिछली बार 24% था। फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) की गणना करते समय वेतन आयोग फैमिली यूनिट्स को भी ध्यान में रखता है, जो पिछली बार 3 थी और इस बार 4 हो सकती है। अगर आयोग 4 फैमिली यूनिट्स को ध्यान में रखता है, तो इसमें एक और 13% की बढ़ोतरी की संभावना है। तो, फिटमेंट फैक्टर इन सब चीजों का एक मिश्रण है।
मूल वेतन में होगी इतनी वद्धि –
फिटमेंट फैक्टर का असर मूल वेतन और HRA पर पड़ता है। लेकिन साथ ही नए वेतन आयोग में DA शून्य हो जाता है। इसलिए कुल मिलाकर वेतन में 20-25% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। दरअसल, 7वें वेतन आयोग में, सभी स्तरों के लिए 2.57 का एक समान फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। सरकार सरलता के लिए इसी एक समान तरीके को जारी रख सकती है। हालांकि, वेतन असमानताओं को कम करने के लिए निचले वेतन बैंड के लिए थोड़ा अधिक मल्टीप्लायर पर विचार किया जा सकता है।
उच्च वेतन स्तर के कर्मचारियों को निचले स्तर के कर्मचारियों की तुलना में पदोन्नति के अधिक अवसर मिलते हैं। इसलिए, वेतन आयोग निम्न-स्तर के कर्मचारियों के लिए उच्च फिटमेंट फैक्टर और उच्च-स्तर के कर्मचारियों के लिए निम्न फिटमेंट फैक्टर रख सकता है। यह वेतन मैट्रिक्स प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कुछ वेतन स्तरों को मर्ज भी कर सकता है। अभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए 18 वेतन स्तर हैं।
डबल हो जाएगा कर्मचारियों की सैलरी –
7वें वेतन आयोग के तहत अगर कोई कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये है और 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission Update) 2.0 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाता है, तो नया मूल वेतन (basic salary hike) सीधे डबल हो जाएगा। यह 50,000 रुपये × 2.0 = 1,00,000 रुपये होगा। इसके बाद संशोधित वेतन मैट्रिक्स कर्मचारी को निकटतम उच्च सेल में रखेगा।
पेंशनर्स की पेंशन में इतनी होगी बढ़ौतरी –
DA, HRA और ट्रांसपोर्ट अलाउंस (transport allowance) जैसे भत्तों की बाद में इस नए मूल वेतन के हिसाब से गणना की जाएगी। केंद्रीय सरकारी पेंशनर्स को आमतौर पर उसी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर संबंधित संशोधन मिलता है। इसलिए यदि फिटमेंट फैक्टर 2.0 है, तो 30,000 रुपये पेंशन पाने वाले पेंशनभोगी की मूल पेंशन लगभग 60,000 रुपये प्रति महीना तक जा सकती है।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		