8th Pay Commission – केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतजार है। इससे उनके वेतन और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है। आयोग के गठन की घोषणा जनवरी 2025 में हुई थी, लेकिन सदस्यों और कार्यक्षेत्र की घोषणा अभी तक नहीं हुई है, जिससे इंतजार जारी है-
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतजार है। इससे उनके वेतन और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है। आयोग के गठन की घोषणा जनवरी 2025 में हुई थी, लेकिन सदस्यों और कार्यक्षेत्र की घोषणा अभी तक नहीं हुई है, जिससे इंतजार जारी है।
कब होगा लागू?
आमतौर पर, हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। वर्तमान में लागू 7वां वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ था और 1 जनवरी 2016 से इसे लागू किया गया था। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में करीब 23% की वृद्धि हुई थी।
इसके पहले 6वां वेतन आयोग (6th pay commission) अक्टूबर 2006 में गठित हुआ था और 1 जनवरी 2006 से लागू हुआ था। उसने वेतन में लगभग 40% का इजाफा किया था। आम तौर पर, आयोग की सिफारिशों को लागू करने में 1.5 से 2 साल का समय लगता है।
चूंकि आठवां वेतन आयोग (8th pay commission news) अभी पूरी तरह से गठित नहीं हुआ है, रिपोर्टों के मुताबिक इसके लागू होने की संभावना 2028 तक है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार यह पैनल 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत से पहले लागू नहीं हो सकता।
कितने कर्मचारियों को होगा फायदा?
आठवें वेतन आयोग (8th pay commission news) के गठन से लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों (pensioners) के भत्तों में संशोधन होने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय ने जुलाई 2025 में संसद को बताया था कि आयोग के गठन की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और हितधारकों के साथ परामर्श चल रहा है।
फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि-
विश्लेषकों का अनुमान है कि कर्मचारियों के वेतन को मौजूदा स्तर से नए स्तर पर लाने के लिए 1.8 का फिटमेंट फैक्टर अपनाया जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन निर्धारण में महत्वपूर्ण होता है।
इस 1.8 फिटमेंट फैक्टर के लागू होने से न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 30,000 रुपये प्रति माह हो सकता है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) के अनुसार, इस बदलाव के परिणामस्वरूप, कर्मचारियों को औसतन लगभग 13% की वास्तविक वेतन वृद्धि मिलने की संभावना है। यह वृद्धि कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ का संकेत देती है।
