8th Pay Commission को लेकर देशभर के सरकारी कर्मचारियों में उत्साह लगातार बढ़ रहा है। आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है और कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें नए वेतनमान का लाभ मिलेगा। इसी बीच ग्रामीण डाक सेवकों (Gramin Dak Sevaks – GDS) के लिए भी राहत की किरण दिखाई दे रही है।
दरअसल, सांसद अंबिका जी लक्ष्मीनारायण वाल्मीकि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 2.75 लाख GDS कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग के दायरे में शामिल करने की आधिकारिक मांग की है।
GDS को वेतन आयोग में शामिल करने की मांग तेज
अपने पत्र में सांसद वाल्मीकि ने बताया कि देशभर में करीब 2.75 लाख ग्रामीण डाक सेवक ग्रामीण इलाकों में वही अहम सेवाएं प्रदान करते हैं, जो शहरी क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों द्वारा दी जाती हैं। इसके बावजूद GDS को नियमित केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधाएँ नहीं मिलतीं।
उन्होंने कहा कि हर बार GDS के वेतन और सेवा शर्तों की समीक्षा के लिए अलग विभागीय समितियाँ बनाई जाती हैं, और इनकी अध्यक्षता आमतौर पर सेवानिवृत्त अधिकारियों के हाथ में होती है। इस प्रक्रिया के कारण ग्रामीण डाक सेवक उन मुख्य लाभों से वंचित रह जाते हैं, जो नियमित सरकारी कर्मचारियों को केंद्रीय वेतन आयोग से मिलते हैं।
GDS को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी क्यों नहीं माना जाता?
फिलहाल, केवल केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को ही वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन और भत्तों का लाभ मिलता है।
लेकिन GDS को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया है, इसलिए वे 7th या 8th Pay Commission की सिफारिशों के लाभ से बाहर रहते हैं।
सांसद वाल्मीकि का कहना है कि GDS को यदि 8th Pay Commission में शामिल किया जाए, तो:
- उन्हें समान वेतन संशोधन मिलेगा
- भत्तों, पेंशन और अन्य सेवा लाभों में सुधार होगा
- ग्रामीण डाक नेटवर्क की कार्यक्षमता और मनोबल दोनों बढ़ेंगे
7वें वेतन आयोग ने GDS के बारे में क्या कहा था?
7th CPC ने अपनी रिपोर्ट में साफ उल्लेख किया था कि:
- GDS को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी नहीं माना जाता
- इसलिए उनका वेतन और भत्ते ‘सैलरी’ शीर्षक से अलग रखने चाहिए
- ‘सैलरीज’ कैटेगरी सिर्फ नियमित सरकारी कर्मचारियों के लिए है
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पोस्टल विभाग में GDS और नियमित कर्मचारियों का वेतन एक ही श्रेणी में दिखाया जाता है, जबकि दोनों को अलग-अलग श्रेणियों में दर्ज किया जाना चाहिए।
क्या 8वें वेतन आयोग में GDS को शामिल किया जाएगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है—
क्या सरकार 8th Pay Commission में ग्रामीण डाक सेवकों को शामिल करेगी?
GDS यूनियन लंबे समय से यह मांग उठा रही है कि उन्हें भी नियमित सरकारी कर्मचारियों की तरह:
- वेतन संशोधन
- भत्ते
- पेंशन लाभ
- प्रमोशन की सुविधा
दी जाए।
सांसद द्वारा पीएम मोदी को भेजा गया यह पत्र GDS की इस पुरानी मांग को फिर से मजबूती देता है।
अगर सरकार इस पर सकारात्मक निर्णय लेती है, तो 2.75 लाख से अधिक ग्रामीण डाक सेवकों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आ सकता है।
