8th Pay Commission : सरकारी कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है, जिससे लाखों कर्मचारियों को खुशी और राहत मिली है। हालांकि हर नए वेतन आयोग के साथ एक प्रश्न उठता है कि महंगाई भत्ता (DA) शून्य क्यों हो जाता है? चलिए आइए नीचे खबर में जान लेते हे इसका जवाब-
सरकारी कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है, जिससे लाखों कर्मचारियों को खुशी और राहत मिली है। हालांकि हर नए वेतन आयोग के साथ एक प्रश्न उठता है कि महंगाई भत्ता (DA) शून्य क्यों हो जाता है? ऐसे में चलिए आइए नीचे खबर में जान लेते है कि आखिर क्या है इस सवाल का जवाब और इसके पीछे का कारण.
आखिर क्या है महंगाई भत्ते का उद्देश्य-
सरकारी कर्मचारियों के वेतन में महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) एक अहम हिस्सा है. इसे कर्मचारियों को मुद्रास्फीति (Inflation) और बढ़ती जीवन यापन लागत के प्रभाव से बचाने के लिए लागू किया गया था. महंगाई भत्ते को हर छह महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर संशोधित किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद भी कर्मचारी अपनी क्रय शक्ति (Purchasing Power) को बनाए रखें.
क्या है वेतन आयोग की भूमिका –
सरकारी कर्मचारियों के संपूर्ण वेतन ढांचे की समीक्षा हर 10 साल में वेतन आयोग द्वारा की जाती है. इसका मुख्य उद्देश्य वेतनमानों को ठीक करना, मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) के लिए समायोजन करना, और सरकारी वेतन को वर्तमान आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप बनाना है. आयोग बाजार मूल्यों, जीवन यापन की लागत और इन्फ्लेशन के रुझानों का अध्ययन करके एक टिकाऊ वेतन मॉडल का प्रस्ताव करता है.
मूल वेतन में डीए (Dearness Allowance) का विलय –
नए वेतन आयोग से पहले, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में जोड़ा जाता है. यह DA कभी-कभी मूल वेतन के 40% से अधिक हो सकता है. नया वेतन ढांचा लागू होने पर, यह DA राशि फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) का उपयोग करके मूल वेतन का हिस्सा बन जाती है.
आखिर क्यों हो जाता है महंगाई भत्ता शून्य –
जब महंगाई भत्ता (DA) नए मूल वेतन में मिला दिया जाता है, तो DA से होने वाले महंगाई (Inflation) की भरपाई पहले ही हो चुकी होती है. तकनीकी रूप से, नए ढांचे में DA 0% पर रिसेट हो जाता है क्योंकि संशोधित मूल वेतन अब महंगाई समायोजित है. इसके बाद, DA नए महंगाई आंकड़ों के आधार पर फिर से बढ़ना शुरू कर देता है.
उदाहरण के लिए अगर आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) से पहले किसी कर्मचारी का मूल वेतन 40 हजार रुपए था और महंगाई भत्ता 46% था, तो महंगाई भत्ते का हिस्सा 40000 का 46% था. यानी कि ₹18400. अब इसके लागू होने के बाद अगर फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) 2.57 है तो नया मूल वेतन ₹40000×2.57= ₹1,02,800 हो जाएगा. अब क्योंकि उस पॉइंट तक की इन्फ्लेशन (inflation) पहले से ही समाप्त हो चुकी है इस वजह से नए मूल वेतन पर महंगाई भत्ता 0% से फिर से शुरू होगा.
