8th Pay Commission : देश के 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। दरअसल आठवें वेतन आयोग पर नया अपडेट आया है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जल्द इसके गठन की संभावना जताई जा रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। ऐसा अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग का गठन मई 2025 तक किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने इस मोस्ट अवेटेड आयोग को मंजूरी दे दी है, हालांकि अभी आधिकारिक पैनल का गठन होना बाकी है।
पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भी इसके जल्द गठन की बात कही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब मई 2025 तक इसके गठन की संभावना जताई जा रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
क्या है डिटेल-
रिपोर्ट के अनुसार, एक बार पैनल गठित होने के बाद, यह तुरंत काम शुरू कर देगा, जिससे वेतन और पेंशन (pension hike) में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। लगभग 36 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी इस देरी के कारण बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार मई के अंत तक पैनल का गठन कर देगी, जिससे 1 जनवरी, 2026 को मौजूदा वेतन आयोग की अवधि समाप्त होने से पहले सिफारिशों को लागू करने का पर्याप्त समय मिल जाएगा।
आठवें वेतन आयोग का पैनल कैसा होगा?
पिछले वेतन आयोगों में, प्रत्येक पैनल का नेतृत्व आमतौर पर सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या एक अनुभवी नौकरशाह करते थे। उनकी टीम में अर्थशास्त्री और सरकारी खर्च, पेंशन और भत्तों के विशेषज्ञ शामिल होते थे। इस टीम का मुख्य काम सरकार को यह सिफारिश करना होता था कि कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में कितनी वृद्धि की जाए। इसके साथ ही, वे महंगाई भत्ता (DA Hike) और फिटमेंट फैक्टर जैसे महत्वपूर्ण कारकों के निर्धारण पर भी सुझाव देते थे।
आठवें वेतन आयोग से क्या उम्मीद-
अनुमान के अनुसार, आठवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) और पेंशनभोगियों (pensioners) के लिए 40% से 50% तक वेतन वृद्धि का प्रस्ताव कर सकता है। यह संशोधित फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) पर आधारित होगा, जो 2.28 और 2.86 के बीच हो सकता है। यदि ऊपरी सीमा को मंजूरी मिल जाती है, तो 20 हजार रुपये के मूल वेतन वाले कर्मचारी का वेतन ₹46,600 से ₹57,200 के बीच हो सकता है।
वेतन आयोगों का इतिहास वेतन में लगातार बढ़ोतरी को दर्शाता है। पाचवें वेतन आयोग (5th pay commission) के दौरान, मूल वेतन ₹2,750 था। यह 6वें आयोग के तहत ₹7,000 और 7वें आयोग के तहत ₹18,000 हो गया, जो कुल मिलाकर लगभग 554% की वृद्धि दर्शाता है।
इस फार्मूले पर तय होगी सैलरी-
नए वेतन ढांचे को निर्धारित करने में मुख्य कारक फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) होगा। सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) में इसे 2.57 पर तय किया गया था। यदि 8वां आयोग इसे बढ़ाकर 2.86 करने की सिफारिश करता है, तो मूल वेतन में 186% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, अंतिम आंकड़ों के बारे में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। वेतन वृद्धि मुख्य रूप से दो कारकों पर निर्भर करेगी-
नए वेतन ढांचे को तय करने में फिटमेंट फैक्टर मुख्य भूमिका निभाएगा। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था। यदि 8वां आयोग इसे 2.86 करने की सिफारिश करता है, तो मूल वेतन में संभावित रूप से 18.6% तक की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, सरकार ने अभी तक अंतिम आंकड़ों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। वेतन में वृद्धि मुख्य रूप से दो कारकों पर निर्भर करेगी-
डीए मर्जर: डीए को मूल वेतन में मर्ज करने से स्वतः ही बढ़ोतरी हो जाएगी।
फिटमेंट फैक्टर: यदि फिटमेंट फैक्टर को 3.0 तक बढ़ा दिया जाता है, तो मूल वेतन लगभग तीन गुना हो सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹18,000 है, और फिटमेंट फैक्टर 3.0 पर सेट है, तो संशोधित मूल वेतन ₹54,000 हो सकता है। कुल मिलाकर 25% से 40% या उससे अधिक की वृद्धि होने की संभावना है।