8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने से पहले ही भारतीय रेलवे अपने कर्मचारियों की सैलरी में संभावित बढ़ोतरी के लिए वित्तीय तैयारियां तेज़ कर चुका है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, आने वाले वर्षों में वेतन और पेंशन मद पर बढ़ने वाले भारी खर्च को संभालने के लिए विभाग अभी से अपने फाइनेंशियल ढांचे को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहा है। मतलब साफ है—वेतन में बड़ी बढ़ोतरी लगभग तय मानी जा रही है।
8वां वेतन आयोग: रिपोर्ट कब आएगी?
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग का गठन किया था। इसके बाद 28 अक्टूबर 2025 को इसके टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी किए गए। आयोग को अपनी सिफारिशें देने के लिए 18 महीने का समय मिला है। ऐसे में उम्मीद है कि:
➡️ रिपोर्ट जनवरी 2026 से पहले सौंप दी जाएगी।
इसी वजह से रेलवे के पास तैयारी के लिए सीमित समय है, और वह अभी से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में जुट चुका है।
7वें वेतन आयोग से मिली सीख
साल 2016 में 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर रेलवे के कर्मचारियों की तनख्वाह में 14% से 26% तक की वृद्धि हुई थी। इसका भारी असर रेलवे की वित्तीय स्थिति पर पड़ा:
- वेतन और पेंशन का खर्च करीब 22,000 करोड़ रुपये बढ़ गया था।
आंतरिक आकलनों के अनुसार,
➡️ 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद यह अतिरिक्त बोझ 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
इसी संभावित दबाव को देखते हुए रेलवे ने अभी से बजट मैनेजमेंट शुरू कर दिया है।
रेलवे कैसे संभाल रहा है बढ़ता वित्तीय बोझ?
रेलवे कई मोर्चों पर तैयारी कर रहा है:
✔ ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाना
जहां खर्च कम हो सकता है, वहां कटौती की जा रही है।
✔ फ्रेट रेवेन्यू को बढ़ाना
भार परिवहन से अधिक कमाई पर जोर।
✔ आंतरिक संसाधनों का बेहतर उपयोग
जहां से आमदनी बढ़ सके, रेलवे उस दिशा में सक्रिय है।
अभी रेलवे की वित्तीय स्थिति क्या है?
वित्त वर्ष 2024-25 में रेलवे का:
- ऑपरेटिंग रेश्यो: 98.90%
- शुद्ध आय: ₹1,341.31 करोड़
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य है:
- ऑपरेटिंग रेश्यो: 98.43%
- नेट रेवेन्यू: ₹3,041.31 करोड़
यह लक्ष्य रेलवे को वेतन आयोग के दबाव से निपटने में मदद करेगा।
बिजली और ऋण में कटौती से मिलेगी बड़ी बचत
✔ पूरे रेल नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन
इसके चलते हर साल करीब ₹5,000 करोड़ की बचत होने का अनुमान है।
✔ IRFC भुगतान में कमी
2027-28 से रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) को किए जाने वाले भुगतान में कमी आएगी, क्योंकि पूंजीगत खर्च का बड़ा हिस्सा हाल ही में बजटीय सहायता से पूरा किया गया है।
फिटमेंट फैक्टर बनेगा सबसे बड़ा मुद्दा
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था।
लेकिन इस बार कर्मचारी यूनियनें 2.86 फैक्टर की मांग कर रही हैं।
अगर यह स्वीकार हो गया, तो:
➡️ रेलवे के वेतन बिल में 22% से अधिक वृद्धि हो सकती है।
➡️ कर्मचारियों की जेब में मोटी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
बजट बढ़ोतरी से मिला रेलवे को भरोसा
सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए:
- कर्मचारियों के वेतन का बजट बढ़ाकर ₹1.28 लाख करोड़ कर दिया (पिछला बजट ₹1.17 लाख करोड़ था)।
- पेंशन मद में भी बढ़ोतरी की गई है।
रेलवे को भरोसा है कि—
सही योजना, बढ़ी आय और खर्च-कटौती के जरिए 8वें वेतन आयोग का प्रभाव सहज रूप से संभाल लिया जाएगा।
अंत में — 12.5 लाख रेल कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत
सभी तैयारियां इस ओर इशारा कर रही हैं कि:
➡️ 8वें वेतन आयोग के लागू होते ही 12 लाख से अधिक रेलकर्मियों की सैलरी में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
रेलवे की यह सक्रिय तैयारी कर्मचारियों के लिए संकेत है कि आने वाला समय उनके लिए आर्थिक रूप से बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
