भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्र ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। इस आयोग का काम सरकारी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर, भत्ते, पेंशन और ग्रेच्युटी की समीक्षा करना होगा। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के अधीन काम करने वाला यह आयोग 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
नए वेतनमान से देशभर के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार के मुताबिक, आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद कर्मचारियों को 17 से 18 महीने का एरियर भी एकमुश्त या किस्तों में दिया जाएगा।
🏛️ वेतन आयोग क्या होता है?
वेतन आयोग वह निकाय है जो सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह, भत्ते और पेंशन की समीक्षा कर सरकार को सिफारिशें देता है। यह वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के अंतर्गत काम करता है। आमतौर पर हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। 1946 से अब तक 7 आयोग बन चुके हैं, जबकि अब 8वें आयोग का गठन किया जा चुका है।
📅 8वें वेतन आयोग को कब मिली मंजूरी?
मोदी कैबिनेट ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी। आयोग को कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी, भत्तों (जैसे महंगाई भत्ता/DA) और पेंशन स्ट्रक्चर की समीक्षा का काम सौंपा गया है। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जाएंगी।
👥 8वें वेतन आयोग में कौन-कौन हैं सदस्य?
वित्त मंत्रालय के अधीन गठित इस आयोग में 3 सदस्य हैं —
- जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई, चेयरपर्सन
- प्रो. पुलक घोष, IIM बेंगलुरु, पार्ट-टाइम मेंबर
- पंकज जैन, सेक्रेटरी, पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मंत्रालय – मेंबर सेक्रेटरी
💰 कितना समय लगेगा रिपोर्ट आने में?
आयोग को अपनी अंतिम रिपोर्ट 18 महीनों के भीतर सरकार को सौंपनी है। जरूरत पड़ने पर आयोग अंतरिम रिपोर्ट (Interim Report) भी भेज सकता है ताकि जरूरी सिफारिशों को समय रहते लागू किया जा सके।
🗓️ कब से लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। इसलिए नया आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। हालांकि, रिपोर्ट और अनुमोदन प्रक्रिया के चलते इसके पूरी तरह लागू होने में 2028 तक का समय लग सकता है। फिर भी सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी का प्रभाव 2026 से रेट्रोएक्टिव रहेगा।
👨💼 कितने कर्मचारियों को होगा फायदा?
इस आयोग से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनहोल्डर लाभान्वित होंगे। यानी करीब 1 करोड़ लोगों की सैलरी और पेंशन स्ट्रक्चर में सुधार होना तय है।
⚙️ कौन-कौन से भत्ते हट सकते हैं?
8वें वेतन आयोग की सबसे बड़ी समीक्षा अलाउंसेस (Allowances) को लेकर होगी। कई गैर-जरूरी भत्ते खत्म या मर्ज किए जा सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- यात्रा भत्ता (Travel Allowance)
- विशेष ड्यूटी भत्ता (Special Duty Allowance)
- छोटे क्षेत्रीय या विभागीय भत्ते
आयोग इन भत्तों की प्रासंगिकता को जांचेगा और आवश्यकतानुसार सुधार की सिफारिश करेगा।
🧾 पेंशन और ग्रेच्युटी की समीक्षा
8वें वेतन आयोग के एजेंडे में पेंशन और ग्रेच्युटी को भी अहम स्थान दिया गया है।
- NPS (National Pension System) वाले कर्मचारियों के लिए Death-cum-Retirement Gratuity (DCRG) की समीक्षा की जाएगी।
- पुराने पेंशन सिस्टम (OPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए भी पेंशन और ग्रेच्युटी के नियमों को फिर से देखा जाएगा।
📈 सैलरी हाइक कब और कितनी होगी?
भले ही आयोग को पूरी तरह लागू होने में समय लगे, लेकिन सैलरी वृद्धि की गणना 1 जनवरी 2026 से ही की जाएगी।
अभी तक फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) तय नहीं हुआ है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह 2.46 से 2.57 के बीच रह सकता है। इससे कर्मचारियों की सैलरी में 30% से 34% तक इजाफा संभव है।
🔢 फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर टूल है, जिससे यह तय किया जाता है कि पुराने बेसिक पे के मुकाबले नई सैलरी कितनी होगी।
📊 फॉर्मूला:
नई सैलरी = बेसिक सैलरी × फिटमेंट फैक्टर
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹10,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया है,
तो नई सैलरी = ₹10,000 × 2.57 = ₹25,700 होगी।
💹 DA और Fitment Factor का संयुक्त असर
नई सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ते (DA) दोनों पर निर्भर करेगी।
हर वेतन आयोग में DA शून्य से शुरू होता है क्योंकि नई बेसिक सैलरी में पहले से ही महंगाई को शामिल किया जाता है। वर्तमान में DA 55% है, जो अगले वेतनमान में समायोजित किया जाएगा।
🔍 निष्कर्ष
8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा आर्थिक सुधार साबित हो सकता है। इससे न केवल इन-हैंड सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि भत्तों का ढांचा भी अधिक पारदर्शी और व्यावहारिक बनाया जाएगा। अगर सब कुछ तय समय पर हुआ, तो जनवरी 2026 से करोड़ों सरकारी कर्मचारियों की जिंदगी में आर्थिक राहत आनी तय है।
