Electricity Consumers: राजधानी में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने 91 हजार उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटने की योजना बनाई है। इसकी मुख्य वजह उपभोक्ताओं के बिजली बिल का नेगेटिव बैलेंस होना है।
स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
राजधानी के 3.65 लाख उपभोक्ताओं में से 2.80 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। इनमें से 91 हजार उपभोक्ताओं का बैलेंस माइनस में चल रहा है। स्मार्ट मीटर की सेवा शुरू होने के बाद से ही उपभोक्ताओं को बिल नहीं मिलने की समस्या का सामना करना पड़ा, जिससे उनका बैलेंस निगेटिव में चला गया।
बिना सूचना के कट सकता है बिजली कनेक्शन
बिजली विभाग ने साफ कर दिया है कि उपभोक्ताओं को अपने बैलेंस की जानकारी रखना अनिवार्य है। स्मार्ट मीटर की सुविधा के कारण अब बिजली विभाग को उपभोक्ताओं के घर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि वे सीधे सब-डिविजन कार्यालय से ही कनेक्शन काट सकेंगे।
स्मार्ट मीटर लगाने में देरी
JBVNL ने मार्च तक राजधानी में सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का टारगेट रखा था, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण यह काम तय समय सीमा में पूरा नहीं हो सका। अभी भी हजारों घरों में यह सेवा उपलब्ध नहीं हो पाई है।
बिजली बिल माइनस में जाने के कारण
विभाग की लापरवाही के कारण ही उपभोक्ताओं का बैलेंस माइनस में चला गया है। कई उपभोक्ताओं को एक साल तक बिजली बिल नहीं मिला। जब वे बिल जमा करने गए, तब उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई। उपभोक्ताओं का कहना है कि विभाग की गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
स्मार्ट मीटर से बिल भुगतान की समस्या
शहर में 2.20 लाख स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोड में काम कर रहे हैं। हालांकि, उपभोक्ता अभी भी स्मार्ट मीटर और उसके डिजिटल भुगतान प्रणाली से पूरी तरह से परिचित नहीं हैं। कई लोग बिजली विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए ऐप को डाउनलोड करने में असमर्थ हैं या तकनीकी समस्याओं के कारण उसे चला नहीं पा रहे हैं।
एचईसी क्षेत्र में 50 हजार घर अब भी प्रभावित
एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन) क्षेत्र के करीब 50 हजार घरों में अब तक स्मार्ट मीटर नहीं लगाए गए हैं। इससे वहां के उपभोक्ता समय पर बिजली बिल नहीं चुका पा रहे हैं। साथ ही, शहर में ‘ऊर्जा मित्र’ सेवा भी बंद कर दी गई है, जिससे उपभोक्ताओं को बिल भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारी क्या कहते हैं?
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक मनमोहन कुमार ने बताया कि 91 हजार उपभोक्ताओं का बिजली बिल माइनस में जा चुका है। मात्र 31 हजार उपभोक्ता नियमित रूप से बिल भर रहे हैं। करीब एक लाख उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक बिजली बिल में छूट मिल रही है। उन्होंने एक्सेप्ट किया कि उपभोक्ताओं तक समय पर बिजली बिल न पहुंच पाना विभाग की गलती है।
स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी का क्या कहना है?
राजधानी में स्मार्ट मीटर लगाने की जिम्मेदारी जीनस कंपनी को दी गई है। कंपनी के स्टेट हेड मस्ताना का कहना है कि उनके पास पर्याप्त संख्या में स्मार्ट मीटर उपलब्ध हैं और जल्द ही एचईसी क्षेत्र में भी इन मीटरों को लगाने का काम शुरू किया जाएगा।