Gehu ki Kimat : वर्ष 2025 का आखिरी महीना चल रहा है और इन दिनों गेहूं के कीमतों में उतार-चढ़ाव के बाद MSP की दरों में बढ़ौतरी देखी जा रही है। सरकार ने प्रदेशभर के किसानों को बड़ा लाभ देते हुए 2026-27 में गेहूं की MSP दरों (MSP rates of wheat) को तय कर दिया है। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि गेहूं की MSP में कितना इजाफा किया गया है।
देश के किसानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। अब हाल ही में किसानों को प्रोफिट देने के लिए सरकार की ओर से MSP दरों में बढ़ौतरी दर्ज की जा रही है। MSP दरों में बढ़ौतरी से 2026-27 में गेहूं के दाम (Gehu ki Kimat) में इजाफा देखने को मिलने वाला है। सरकार के इस फैसले को किसानों के लिए राहत भरा माना जा रहा है।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य
सरकार की ओर से रबी विपणन सेशन 2026-27 (Marketing Session 2026-27) के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price of Wheat) 2,585 प्रति क्विंटल निर्धारत कर दिया गया है। एफसीआई की ओर से यह ऐलान किया गया है कि किसानों को उनकी उपज का पेमेंट 48 घंटे के भीतर सीधे बैंक अकाउंट में किया जाएगा। उदयपुर में इस बार खरीद के मकसद को बढ़ाकर 55 हजार मेट्रिक टन करने का मकसद रखा गया है। रबी विपणन सेशन में प्रदेश के किसानों को एमएसपी पर गेहूं की बिक्री का लाभ मिलेगा और इसके लिए सरकार ने खरीद व्यवस्था में सुधार किए हैं।
अवैध जमाखोरी पर रखी जाएगी निगरानी
सरकार की ओर से यह निर्देश दिए गए हैं कि मंडियों में एमएसपी (Gehu MSP Rate) से कम दाम पर निजी व्यापारियों द्वारा खरीद को रोका जाएगा और साथ ही अवैध जमाखोरी पर निगरानी रखी जानी चाहिए। वहीं, गेहूं स्टॉक को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए नियमित मॉनिटरिंग, किसानों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए हेल्पलाइन को मजबूत किया जाने का प्लान है।
निर्धारित टाइमलाइन में कराना होगा रजिस्ट्रेशन
एफसीआई मंडल प्रबंधक की ओर से किसानों से यह आग्रह किया गया है कि वे निर्धारित टाइमलाइन में रेजिस्ट्रेशन करने के साथ ही सरकारी क्रय केन्द्रों (government purchasing centers) पर उपज की भी बिक्री करें, ताकि उन्हें एमएसपी का फायदा मिल सकें और ज्यादा जानकारी के लिए किसान एफसीआई में मीना प्रबंधक एफसीआई से कॉन्टेक्ट कर सकते हैं।
पीएफएमएस के जरिए पेमेंट की व्यवस्था
सबसे पहले तो आप यह जान लें कि बैठक में सभी जरूरी सुविधाएं, जैसे की क्रय केन्द्रों पर छाया, पेयजल, सफाई, नमी मापक यंत्र, ड्रायर और पावर क्लीनर को रखने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं किसानों को पेमेंट 48 घंटे के भीतर पीएफएमएस के जरिए करने की व्यवस्था रहेगी। इसकी निगरानी विभाग की ओर से की जाएगी। खरीद प्रोसेस को पारदर्शी बनाने के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रणाली लागू किया जाएगा। साथ ही एग्री स्टैक आधारित फॉर्म (Agri Stack based Form) , आईडी के जरिए रेजिस्ट्रेशन का प्रोसेस चरणबद्ध रूप से शुरू किया जाएगा।
उदयपुर में बढ़ी केन्द्रों की संख्या
एफसीआई उदयपुर के मंडल प्रबंधक का कहना है कि प्रदेश में इस साल यह मकसद रखा गया है कि कुल 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जाएं। उदयपुर मंडल में पिछले साल 47 हजार एमटी गेहूं की खरीद (MT wheat procurement) की गई थी, जिसे बढ़ाकर 55 हजार एमटी करने की तैयारी हो रही है। किसानों की सुविधाओं को देखते हुए उदयपुर में केन्द्रों की संख्या जो पहले 28 थी, उसे बढ़ाकर 33 कर दिया गया है। अब इन 33 केंद्रों पर कर्मचारियों की अपोइंटमेंट के लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं।
