आज के समय में हर कर्मचारी अपनी रिटायरमेंट के बाद भी आर्थिक सुरक्षा चाहता है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने Employees’ Pension Scheme (EPS) शुरू की है। यह योजना Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) द्वारा संचालित की जाती है। EPS का मकसद कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन देना है ताकि उनकी जिंदगी में आर्थिक स्थिरता बनी रहे। खास बात यह है कि अगर किसी कर्मचारी ने कम से कम 10 साल की सेवा पूरी कर ली है तो वह इस योजना के तहत पेंशन पाने का हकदार हो जाता है।
EPS की शुरुआत 16 नवंबर 1995 को हुई थी, और इसके तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही मासिक वेतन का एक निश्चित हिस्सा EPF खाते में जमा करते हैं। इसमें से 8.33% कर्मचारी के पेंशन खाते में भेजा जाता है। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह एक दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा योजना है जो आपकी सेवा अवधि और वेतन के आधार पर पेंशन सुनिश्चित करती है।
EPFO Pension Update 2025
EPS योजना के तहत पेंशन की गणना एक सरल फार्मूले से की जाती है। इस फार्मूले के अनुसार:
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) / 70
यहाँ पेंशन योग्य वेतन का मतलब है पिछले 60 महीनों (5 सालों) में मिलने वाले वेतन का औसत, जिसकी अधिकतम सीमा ₹15,000 है। पेंशन योग्य सेवा वह कुल सेवा अवधि है जो EPS में योगदान कराई गई हो।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का मासिक औसत वेतन ₹15,000 है और उसने 10 साल की सेवा की है तो उसकी मासिक पेंशन होगी:
(₹15,000 × 10) / 70 = ₹2,143।
इसका मतलब यह है कि जहां न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल है, वहां भी कर्मचारी को पेंशन मिलना शुरू हो जाती है। हालांकि, सेवा अवधि जितनी ज्यादा होगी और वेतन जितना अधिक होगा, पेंशन की रकम भी उतनी ही बढ़ेगी।
पेंशन की आयु सामान्यत: 58 साल होती है, यानी आप 58 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन लेना शुरू कर सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी 50 से 58 वर्ष की उम्र में जल्दी पेंशन लेना चाहता है तो भी वह ले सकता है, लेकिन हर वर्ष की कमी के लिए 4% की कटौती पेंशन राशि में होती है।
विशेषताएँ और सरकारी फायदे
EPS केवल पेंशन देने तक सीमित नहीं है। यह योजना कई अन्य लाभ भी प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी परिवार के सदस्य पेंशन का लाभ उठा सकते हैं। योजना में विधवा पेंशन, बाल पेंशन, अनाथ पेंशन और विकलांगता पेंशन जैसी सुविधाएँ भी शामिल हैं।
सरकार इस योजना को सामाजिक सुरक्षा का एक मजबूत माध्यम मानती है और इसे EPFO द्वारा पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ संचालित किया जाता है। पेंशन प्राप्त करना करमुक्त है, यानी पेंशन पर कोई टैक्स नहीं लगता, जो इस योजना को और भी आकर्षक बनाता है।
