IPL नीलामी में इस बार बड़ा उलटफेर—जिन खिलाड़ियों पर पिछले साल बोली की होड़ मची थी, वे इस बार बिना टीम के रह गए! जानिए किन सितारों का सपना टूटा।
आईपीएल की ताजा मेगा नीलामी ने क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया। जहां कुछ युवा सितारों पर अरबपतियों ने करोड़ों लुटाए, वहीं कई अनुभवी दिग्गज हथौड़ी की आवाज सुनते हुए खाली हाथ लौट गए। यह नीलामी जेद्दाह की गलियों से गुजरती हुई नई टीमें गढ़ रही थीं, लेकिन कुछ बड़े नामों की अनदेखी ने सवाल खड़े कर दिए। फैंस सोशल मीडिया पर बहस कर रहे हैं कि क्या फॉर्म, उम्र या टीमों की नई रणनीति ने इन्हें बाहर किया?
बल्लेबाजी के पुराने शेर बेरोजगार
नीलामी का सबसे बड़ा धमाका बल्लेबाजों के साथ हुआ। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज, जिन्होंने कभी ऑरेंज कैप हिला दी थी, बेस प्राइस दो करोड़ रुपये रखे जाने के बावजूद कोई बोली न सुन सके। न्यूजीलैंड के क्लासिक बल्लेबाज, जो टेस्ट क्रिकेट में बादशाह हैं, भी खरीदारों की नजर से चूके। घरेलू मैदान के चमकते सितारे, जिनकी दिल्ली और पंजाब वाली जर्सियां फैन्स के दिलों में बसी हैं, 75 लाख से एक करोड़ के बेस पर ठहर गए। एक मिडिल ऑर्डर के होनहार, जो रणजी में रन बरसा चुके हैं, भी सूची में शामिल हो गए। यह साफ दिखा कि टीमें अब आक्रामक युवा बल्लेबाजी पर दांव लगा रही हैं, पुराने चेहरे पीछे छूट गए।
गेंदबाजी का बाजार क्यों ठंडा पड़ा?
गेंदबाजों की बारी आई तो हालात और पतले हो गए। लीग के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले स्पिनर, जिनके नाम पर रिकॉर्ड बने हैं, मात्र 50 लाख बेस प्राइस पर बिना बोली लौटे। बांग्लादेश के कटिंग मशीन जैसे तेज गेंदबाज, दो करोड़ कीमत पर भी नीलामी पटल पर अकेले पड़ गए। पाकिस्तानी तेजरतर का हमला तो किसी ने न अपनाया। भारतीय पेस अटैक के पुराने योद्धा, दो करोड़ बेस के साथ-साथ कुछ युवा तेज गेंदबाज 40 लाख से 75 लाख पर ठहर गए। टीमें स्पष्ट रूप से विदेशी युवा तेज गेंदबाजों और घरेलू स्पिनरों को तरजीह दे रही हैं, जहां इम्पैक्ट प्लेयर नियम ने पुरानी गेंदबाजी को चुनौती दी है।
ऑलराउंडर और विकेटकीपरों की अनदेखी
ऑलराउंडर विभाग में भी झटका लगा। वे खिलाड़ी जो बल्ले और गेंद दोनों से चमत्कार करते हैं, दो करोड़ बेस पर बिक्री से बाहर रहे। न्यूजीलैंड के उपयोगी ऑलराउंडर और भारतीय तेज गेंदबाज-सभी बल्लेबाज का कॉकटेल फेल साबित हुआ। विकेटकीपरों में इंग्लैंड का धाकड़ सितारा, जो बिग बैश में चमका, दो करोड़ पर खाली रहा। वेस्टइंडीज का आक्रामक ओपनर-कीपर 1.25 करोड़ बेस के बावजूद टीमों की लिस्ट में न आ सका। यह ट्रेंड बताता है कि टीमें अब बहुमुखी खिलाड़ियों से ज्यादा स्पेशलिस्ट पर भरोसा कर रही हैं।
नीलामी के बाद का नया अध्याय
अब सवाल यह है कि ये बेरोजगार सितारे क्या करेंगे? चोटों के कारण रिप्लेसमेंट पूल में जगह बन सकती है, या फिर घरेलू लीगों में वापसी का इंतजार। फैंस को उम्मीद है कि ये दिग्गज प्रूफ देंगे कि अनुभव कभी पुराना नहीं होता। नई टीमें बन चुकी हैं, लेकिन यह अनसोल्ड लिस्ट लीग को रोमांचक बनाए रखेगी। कुल मिलाकर, आईपीएल ने एक बार फिर साबित किया कि यहां सरप्राइज ही राजा है। क्या अगले सीजन में ये नाम वापसी करेंगे? वक्त ही बताएगा।
