अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं और 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, तो यह देरी आपकी जेब पर बड़ा वार साबित हो सकती है। सिर्फ नई सैलरी देर से मिलने की चिंता ही नहीं—बल्कि इस देरी की वजह से हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में लाखों रुपये का नुकसान भी हो सकता है। इसलिए यह मामला अब सिर्फ तारीखों का नहीं, आपकी वार्षिक इनकम का बड़ा मुद्दा बन चुका है।
7वें वेतन आयोग की अवधि खत्म—8वां अभी भी अधर में क्यों?
7th Pay Commission की वैधता 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है। परंपरा के अनुसार अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू माना जाता है।
लेकिन:
- सरकार ने अब तक लागू होने की तारीख घोषित नहीं की
- एरियर मिलेगा या नहीं—इस पर भी स्पष्टता नहीं
- नवंबर 2025 में सरकार ने 8वें वेतन आयोग को 18 महीने का समय दिया है
- रिपोर्ट आने और मंजूरी मिलते-मिलते 6 महीने और लग सकते हैं
अर्थात, 8वें वेतन आयोग की देरी लगभग तय मानी जा रही है।
कौन-कौन सा भत्ता मिलता है और किस पर एरियर नहीं मिलता?
केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले मुख्य भत्ते:
✔ महंगाई भत्ता (DA)
✔ हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
✔ ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA)
✔ अन्य फिक्स्ड अलाउंस (CEA, यूनिफॉर्म आदि)
लेकिन ध्यान दें—HRA, TA और कई अन्य अलाउंस पर एरियर नहीं मिलता।
DA का एरियर भी नहीं दिया जाता क्योंकि उसे नए वेतन ढांचे में बेसिक में मर्ज कर दिया जाता है।
यहीं से होता है सबसे बड़ा नुकसान।
HRA पर नुकसान क्यों और कैसे होता है?
नेशनल NPS एम्प्लॉई फेडरेशन के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल के अनुसार:
“अगर 8वें वेतन आयोग में देरी होती है तो कर्मचारियों को HRA पर बकाया नहीं मिलता। इससे कर्मचारी की बेसिक सैलरी के आधार पर हजारों से लेकर लाखों रुपए का नुकसान हो सकता है।”
सरकार केवल बेसिक पे + कुछ मुख्य भत्तों पर एरियर देती है,
लेकिन HRA पर एरियर शून्य होता है।
इसलिए वेतन आयोग देर से लागू होने पर HRA का बड़ा हिस्सा सीधा कट जाता है।
🔢 HRA के नुकसान का कैलकुलेशन — करोड़ों कर्मचारियों के लिए जरूरी जानकारी
मान लेते हैं कर्मचारी का बेसिक वेतन = ₹76,500 प्रति माह
शहर = X कैटेगरी (HRA = 30%)
साल 2026 में HRA का संभावित नुकसान
अगर 8th CPC समय पर (1 जनवरी 2026) लागू हो जाए – फिटमेंट फैक्टर 2.1 मानकर
- नया बेसिक = ₹1,60,650
- नया HRA (30%) = ₹38,556
- वार्षिक HRA = ₹4,62,672
अगर 8th CPC 1 जनवरी 2028 तक टल जाए
- पुराना बेसिक = ₹76,500
- HRA (30%) = ₹22,950
- वार्षिक HRA = ₹2,75,400
➡ सिर्फ 2026 में नुकसान = ₹1,87,272
साल 2027 में 3% इंक्रीमेंट जोड़कर नुकसान
| स्थिति | बेसिक | HRA | 12 महीने का कुल HRA |
|---|---|---|---|
| 1 जनवरी 2026 से लागू | ₹1,65,470 | ₹39,713 | ₹4,76,552 |
| 1 जनवरी 2028 से लागू | ₹78,795 | ₹23,639 | ₹2,83,662 |
➡ 2027 में नुकसान = ₹1,92,890
📌 कुल नुकसान (2026 + 2027)
= ₹1,87,272 + ₹1,92,890 = ₹3,80,162 रुपये
यानी अगर वेतन आयोग दो साल देरी से लागू हुआ तो एक कर्मचारी को सिर्फ HRA पर 3.8 लाख रुपये तक का नुकसान होना लगभग तय है।
🔍 निष्कर्ष: देरी सिर्फ तारीख का नहीं, आपकी जेब का मुद्दा है
- बेसिक पे पर एरियर मिलेगा
- लेकिन HRA का बकाया जीरो
- लंबी देरी = भारी नुकसान
- सरकार की सबसे बड़ी बचत HRA से ही होती है
- कर्मचारी संघ लंबे समय से HRA पर एरियर देने की मांग कर रहे हैं
