क्या आपकी महंगी SUV अब खतरे में? कोर्ट ने कहा- पेट्रोल-डीजल लग्जरी गाड़ियों पर ब्रेक लगाओ, प्रदूषण खत्म! सरकार 13 मंत्रालयों से तैयार, चार्जिंग स्टेशन बढ़ेंगे। आम आदमी को फायदा, जानिए कैसे बदलेगा ऑटो वर्ल्ड!
देश के प्रदूषण से जूझते हालात में सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रिक वाहनों को जोरदार धक्का देने का सुझाव दिया है। कोर्ट का मानना है कि अब पेट्रोल-डीजल वाली महंगी लग्जरी गाड़ियों को स्टेप बाय स्टेप बंद करने का वक्त आ गया है। इससे न सड़कों पर धुआं कम होगा, बल्कि पूरा ऑटो सेक्टर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर शिफ्ट हो जाएगा।
कोर्ट का साहसी सुझाव
जस्टिस सूर्य कांत ने बेंच में साफ कहा कि बाजार में अब हाई-एंड EVs आ गई हैं, जो लक्जरी, स्पीड और कम्फर्ट में किसी पेट्रोल कार से कम नहीं। ऐसे में पहले इन्हीं महंगी गाड़ियों पर ब्रेक लगाएं, क्योंकि ये आम लोगों की पहुंच से बाहर हैं। इससे न तो कोई परेशानी होगी और प्रदूषण पर सीधा असर पड़ेगा।
सरकार की पूरी तैयारी
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार इस आइडिया से पूरी तरह सहमत है। 13 मंत्रालय मिलकर EV पॉलिसी को मजबूत करने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर जुटे हैं। कई मीटिंग्स हो चुकी हैं, अब जमीनी काम तेज होगा।
PIL से उपजी बहस
यह बातें एक जनहित याचिका की सुनवाई में हुईं, जहां EV नीतियों को सख्ती से लागू करने की मांग उठी। जस्टिस जॉयमाल्या बागची के साथ बेंच ने जोर दिया कि पुरानी 2020 वाली पॉलिसी को अपडेट करें। सस्ती EVs और दोपहियाओं को प्राथमिकता दें ताकि हर वर्ग इसमें शामिल हो सके।
चार्जिंग स्टेशन पर क्या बोला?
वकील प्रशांत भूषण ने चार्जिंग की कमी का मुद्दा उठाया, लेकिन कोर्ट ने बाजार पर भरोसा जताया। EVs बढ़ेंगी तो स्टेशन खुद बढ़ जाएंगे। यहां तक कि पुराने पेट्रोल पंपों को चार्जिंग सेंटर बना दें, ये आईडिया प्रैक्टिकल लग रहा है।
हरित भारत का नया रोडमैप
प्रदूषण, तेल आयात और क्लाइमेट चेंज के बीच ये सुझाव देश की एनर्जी पॉलिसी बदल सकता है। कोर्ट ने सरकार से डिटेल रिपोर्ट मांगी है। अगर ये लागू हुआ तो सड़कें शांत, साफ और स्मार्ट हो जाएंगी। EV क्रांति अब बस दूर नहीं रही!
