अगर गेहूं या अन्य रबी फसलों की खेती कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। फसल को नुकसान होने पर सरकार से मदद कैसे मिलेगी आइए जानते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
दरअसल यहां पर पीएम फसल बीमा योजना की बात की जा रही है, जिसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कहा जाता है। इस योजना के अंतर्गत देश के कई राज्यों में रबी सीजन में बोई जाने वाली फसलों, जैसे कि गेहूं की खेती करने वाले किसानों को जोड़ा जा रहा है। अगर किसानों की फसल को नुकसान होता है, तो उन्हें घाटा न हो, इसके लिए सरकार आर्थिक मदद देती है।
इस योजना के तहत अगर बारिश, चक्रवात, रोग-बीमारी, सूखा आदि कारणों से फसल को कटाई के दो सप्ताह के भीतर किसी तरह का नुकसान होता है, तो किसानों को सरकार से मुआवजा मिलता है। चलिए बताते हैं कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फायदा कब तक उठा सकते हैं, किन किसानों को ₹60,000 तक की आर्थिक मदद मिलती है और प्रीमियम राशि कितनी है।
पीएम फसल बीमा योजना का फायदा कब तक उठा सकते हैं
पीएम फसल बीमा योजना से जुड़ने के लिए रबी फसल, जैसे कि गेहूं के किसानों को आवेदन करना होगा। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में किसान 15 जनवरी तक पीएम फसल बीमा योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।
वहीं आपको बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी रबी फसल, जैसे कि गेहूं, चना, सरसों आदि का बीमा किया जा रहा है, जिसके लिए किसान 31 दिसंबर 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश, असम, आंध्र प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी किसान पीएम फसल बीमा योजना से जुड़ सकते हैं।
गेहूं के किसानों को कितना बीमा का पैसा मिलता है
अगर गेहूं की फसल खराब होती है, तो हिमाचल प्रदेश में किसानों को ₹60,000 तक प्रति हेक्टेयर के अनुसार बीमा राशि मिलती है। इसमें 12% प्रीमियम राशि होती है, जो ₹7200 प्रति हेक्टेयर के अनुसार होती है। लेकिन किसानों को अनुदान मिलता है, इसलिए उन्हें केवल 1.5% यानी ₹900 प्रति हेक्टेयर या लगभग ₹72 प्रति बीघा के अनुसार प्रीमियम देना होता है। इस तरह बीमा कराने के लिए किसानों को बहुत ही कम प्रीमियम राशि जमा करनी होती है।
