गेहूं के किसान इस समय यदि दूसरी सिंचाई करने जा रहे हैं, तो उनके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि दूसरी सिंचाई से पहले खेत में कौन-सी खाद डालनी चाहिए।
गेहूं की दूसरी सिंचाई का समय
जिन किसानों ने समय पर गेहूं की बुवाई की थी, वे अब दूसरी सिंचाई करने वाले हैं। जिन्होंने देर से बुवाई की थी, उनके लिए भी यह जानकारी लाभकारी है, क्योंकि उन्हें भी इससे बहुत उपयोगी जानकारी मिलेगी। यदि आपके खेत की फसल हरी-भरी है, तो भी खाद डालना आवश्यक है। अगर फसल में पीलापन दिखाई दे रहा है, तो खाद में थोड़ा बदलाव करना होगा और एक-दो खाद अधिक डालनी होंगी। जिन किसानों की फसल 42 दिन की हो चुकी है, वे अब दूसरी सिंचाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि दूसरी सिंचाई के समय कौन-सी खाद डालनी चाहिए।
गेहूं में दूसरी सिंचाई के साथ कौन-सी खाद डालें
यदि किसान पहली सिंचाई के समय यूरिया और जिंक खाद दे चुके हैं, तो दूसरी सिंचाई में यूरिया की बची हुई मात्रा डालनी चाहिए। पहले यूरिया खाद का छिड़काव करें, फिर सिंचाई करें। लेकिन अगर आपके खेत में पीलापन दिखाई दे रहा है और बढ़वार ठीक नहीं है, तो दूसरी सिंचाई में बची हुई यूरिया के साथ-साथ मैग्नीशियम सल्फेट 5 से 7 किलो और फेरस सल्फेट 5 से 7 किलो प्रति एकड़ डालें, फिर सिंचाई करें। 4 से 5 दिन में आपको अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। इससे फसल हरी-भरी दिखाई देगी, कल्ले अधिक फूटेंगे और बढ़वार अच्छी होगी, जिससे किसानों को 30 से 32 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन मिल सकता है।
गेहूं की फसल को पाले से कैसे बचाएं
गेहूं के किसानों को पाले का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि आपके क्षेत्र में अधिक पाला पड़ रहा है, तो फसल को बचाने के लिए खेत के आसपास धुआं कर सकते हैं या उपलों, पराली आदि को जलाया जा सकता है, जिससे तापमान नियंत्रित रहे। इसके अलावा 2 किलो यूरिया को 100 लीटर पानी में घोलकर पत्तियों पर छिड़काव कर सकते हैं या फिर गंधक 1 लीटर को 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है। गंधक पाले से बचाव का प्रभावी उपाय माना जाता है, लेकिन इसका प्रयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। अगर किसान बढ़िया किस्म लगाते है तो खाद डाल कर बढ़िया उत्पादन ले सकते है।
