क्या ऑनलाइन शॉपिंग या किसी सर्विस में आपके पैसे फंस गए हैं? अब घबराएं नहीं! सरकार की हेल्पलाइन 1915 ने महज 8 महीनों में ₹45 करोड़ का रिफंड दिलाकर इतिहास रच दिया है। बिना कोर्ट-कचहरी के अपना पैसा वापस पाने का सबसे आसान तरीका यहाँ जानें।
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग, ट्रैवल या किसी सर्विस में धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो अब आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। सरकार की नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) ने पिछले 8 महीनों में उपभोक्ताओं को 45 करोड़ रुपये का रिफंड दिलाकर बड़ी सफलता हासिल की है। आपको बस 1915 पर कॉल करना है और आपकी शिकायत सीधे दर्ज हो जाएगी। इसके बाद विभाग खुद संबंधित कंपनी से जवाब मांगता है और आपके पैसों की वापसी सुनिश्चित करता है। बिना किसी कानूनी खर्च और बिना कोर्ट जाए, यह सिस्टम शिकायतों का समाधान करने का सबसे तेज़ और भरोसेमंद तरीका बन गया है।
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ने 8 महीनों में सुलझाईं 67 हजार से ज्यादा शिकायतें
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, 25 अप्रैल से 26 दिसंबर 2025 के बीच नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ने देशभर के उपभोक्ताओं को जबरदस्त राहत दी है। इन 8 महीनों में हेल्पलाइन ने ई-कॉमर्स, बैंकिंग और ट्रैवल जैसे 31 अलग-अलग क्षेत्रों की 67,265 शिकायतों का सफल निपटारा किया। इस त्वरित कार्रवाई का नतीजा यह रहा कि ठगी या गलत सर्विस का शिकार हुए ग्राहकों की जेब में करीब 45 करोड़ रुपये का रिफंड वापस पहुँचा। यह डेटा साबित करता है कि अब उपभोक्ता शिकायतों के लिए डिजिटल सिस्टम पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय और प्रभावी हो गया है।
कंज्यूमर कोर्ट का बोझ कम
उपभोक्ता मामलों के विभाग की यह विशेष पहल अब ग्राहकों के लिए वरदान साबित हो रही है। मंत्रालय के अनुसार, इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य लोगों की समस्याओं को बिना किसी कानूनी झंझट के, कोर्ट जाने से पहले ही सुलझाना है। इससे न केवल आम जनता को दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिल रही है, बल्कि कंज्यूमर कोर्ट पर बढ़ते मुकदमों का बोझ भी कम हुआ है। अब उपभोक्ता अपनी शिकायतों का समाधान घर बैठे बहुत ही आसान और तेज तरीके से पा रहे हैं, जिससे कंपनियों की जवाबदेही बढ़ी है और ग्राहकों का भरोसा मजबूत हुआ है।
ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को वापस मिले ₹32 करोड़
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, रिफंड दिलाने के मामले में ई-कॉमर्स सेक्टर सबसे आगे रहा है, जहाँ ग्राहकों को करीब 32 करोड़ रुपये वापस दिलाए गए। इसके अलावा, ट्रैवल और टूरिज्म के क्षेत्र में 3.5 करोड़ रुपये और विभिन्न एजेंसी सेवाओं में 1.3 करोड़ रुपये का रिफंड ग्राहकों की जेब में पहुँचा। इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खराबी पर 1.1 करोड़ रुपये और एयरलाइंस से जुड़ी शिकायतों पर 95 लाख रुपये वापस कराए गए। ये आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि अगर ऑनलाइन शॉपिंग या बुकिंग में आपके साथ गलत हुआ है, तो पैसा वापस मिलने की पूरी गारंटी है।
अब 17 भाषाओं में दर्ज कराएं अपनी शिकायत
सरकार का मानना है कि इस योजना की सफलता का सबसे बड़ा कारण बड़ी कंपनियों और स्टेकहोल्डर्स का इस सिस्टम से जुड़ना है, जिससे उनकी जवाबदेही अब पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गई है। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए अब शिकायत दर्ज करना बेहद आसान हो गया है; आप टोल-फ्री नंबर 1915 पर अपनी भाषा (कुल 17 भाषाएं उपलब्ध) में बात कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप कॉल नहीं करना चाहते, तो WhatsApp (8800001915), SMS, ईमेल, NCH ऐप या उमंग ऐप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
