भारतीय कृषि क्षेत्र में लगातार हो रहे पानी के उपयोग ने भूमिगत जल स्तर को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। खेती के लिए जल की आवश्यकता ने भूमिगत जल स्रोतों पर निर्भरता बढ़ाई है
भारतीय कृषि क्षेत्र में लगातार हो रहे पानी के उपयोग ने भूमिगत जल स्तर को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। खेती के लिए जल की आवश्यकता ने भूमिगत जल स्रोतों पर निर्भरता बढ़ाई है जिससे कई क्षेत्रों में जल स्तर में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। इसका सीधा प्रभाव खेती-किसानी पर पड़ रहा है जिससे सिंचाई में कठिनाई और फसल उत्पादन में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
सरकारी योजनाएँ और “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” पहल
इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाएं लागू की गई हैं। “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” इनिशिएटिव के तहत, जल संरक्षण और कुशलतम जल उपयोग पर जोर दिया गया है। इसके अंतर्गत, खेत तलाई योजना का सृजन किया गया है, जिसमें खेतों में छोटे तलाब बनाए जाते हैं ताकि बारिश के पानी को संग्रहित किया जा सके और सूखे के समय में इसका उपयोग किया जा सके।
राजस्थान सरकार की अनोखी पहल
राजस्थान सरकार ने विशेष रूप से राज्य के किसानों को इस योजना के अंतर्गत बड़ी सब्सिडी प्रदान करने की पहल की है। किसानों को कच्चे और प्लास्टिक लाइनिंग वाले खेत तलाई के निर्माण पर अनुदान दिया जाता है, जिससे वे अपने खेतों में पानी का बेहतर प्रबंधन कर सकें। यह उपाय न केवल जल स्तर को स्थिर करने में मदद करेगा बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार भी लाएगा।