नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार कृषि और किसानों के हित में लगातार निर्णय लेती नजर आ रही है। आगामी बजट में भी अनुमान लगाया जा रहा है कि किसानों को काफी रियायत देने की मोदी सरकार की कोशिश होगी। 2014 में सत्ता में आने के बाद से केंद्र की मोदी सरकार लगातार किसानों के उत्थान के लिए काम कर रही है। पहले किसान सम्मन निधि इसके बाद केसीसी को सुविधाजनक बनाना सरकार की मनसा को दर्शाता है। तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के लिए और उदारता दिखाने की कोशिश में होंगे। जानकारों का अनुमान है कि इस बार केसीसी की लिमिट बढ़ाई जा सकती है और किसान सम्मन निधि में भी बढ़ोतरी की जा सकती है।
PM Kisan Samman Nidhi में इजाफा:
केंद्र की मोदी सरकार साल 2018-19 से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि देने की शुरुआत की। 2018-19 में सरकार से सलाना 6000 रुपए देने की शुरुआत की थी लेकिन किसान संगठन ऑन की मांग है कि इन 5 सालों में महंगाई तेजी से बढ़ी है जिससे किसान सम्मन निधि मिलने वाला ₹6000 न कही है लिहाजा सरकार किसान सम्मन निधि को 10 से ₹12000 बढ़कर करें। पर जानकारों का मानना है कि आगामी बजट में सरकार₹8000 तक किसान सम्मन निधि को बढ़ाकर कर सकती है।
सरकार बढ़ा रही केसीसी लिमिट
किसानों द्वारा फसल ना होने पर महाराष्ट्र और दूसरे प्रांतों में आत्महत्या की खबरें आम हुआ करती थी। जिसे देखते हुए सरकार ने कम ब्याज दर पर किसानों को लोन मुहैया कराने का इंतजाम किया। केसीसी के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख रखी गई, इसके लिए किसानों को 7% सालाना ब्याज लगता है, जिसमें से 3% की भरपाई सरकार करती है और किसानों को 4% ब्याज देना होता है। जानकारों का अनुमान है कि आगामी बजट में सरकार केसीसी लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख के बजाय 5 से 6 लाख रुपए कर सकती है।
सोलर पंप से होगी सिचाईं
देश के गैर सिंचित क्षेत्र को घटाकर सिंचित एरिया बढ़ाने के लिए सरकार लगातार सोलर पंप किसानों को मुहैया करा रही है। इसके तहत सरकार सब्सिडी के साथ किसानों को सोलर पंप देती है। जानकारों का मानना है कि आगामी बजट में सरकार किसानों के लिए और अधिक सोलर पंप मुहैया करा सकती है। दूसरी और किसनो की मांग है कि सोलर पंप से पैदा होने वाली बिजली से ही दूसरे कृषि यंत्र भी संचालित हो सके सरकार ऐसी व्यवस्था करें।
टैक्स में कटौती:
आगामी बजट में सरकार कृषि उपकरणों पर लगने वाले टैक्स में भी कटौती कर किसानों को राहत दे सकती है। ऐसा भी अनुमान लगाए जा रहा है कि सरकार हो सकता है कृषि उपकरणों में लगने वाले जीएसटी में भी कमी लाए और input tax credit में भी कुछ सही दे।