2024 में बजट में हुए ऐलान के बाद इनकम टैक्स विभाग ने अपना कमरकस लिया है और नए कायदे कानून के तहत 31 अगस्त से पहले उन सारे लोगों को नोटिस भेजना अनिवार्य कर दिया गया है जिन लोगों ने भी आयकर भरने में पिछले 5 साल पहले गड़बड़ी की है. चुकी समय सीमा इसी साल 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगी इसलिए इनकम टैक्स विभाग लगातार बड़ी टीम बनाकर ऐसे लोगों को नोटिस भेजने चालू कर दिया है.
अगर आपके पास वित्तीय वर्ष 2017-18 (आकलन वर्ष 2018-19) में ₹50 लाख या उससे अधिक की अघोषित आय है, तो आयकर विभाग 31 अगस्त 2024 तक आपको आयकर नोटिस भेज सकता है। बजट 2024 में इस तारीख को पहले से कम कर दिया गया है, जिसके कारण आयकर विभाग ने पुरानी फाइलों को फिर से खोलने के लिए अधिक संसाधन लगाए हैं। पहले, ये मामले 10 साल तक के भीतर फिर से खोले जा सकते थे।
नए नियम क्या कहते हैं?
बजट 2024 के तहत, अगर किसी व्यक्ति की अघोषित आय ₹50 लाख या उससे अधिक है और यह आकलन वर्ष 2018-19 या उसके बाद की है, तो 31 अगस्त 2024 तक उन्हें आयकर नोटिस मिल सकता है। इसके बाद, 1 सितंबर 2024 से इस वर्ष के आकलन के मामले समय-सीमा के बाहर माने जाएंगे और इन्हें फिर से नहीं खोला जा सकेगा।
प्रक्रिया क्या है?
- शुरुआती जांच: आयकर अधिकारी पहले एक प्रारंभिक जांच कर सकते हैं और आपको शो कॉज़ नोटिस भेज सकते हैं जिसमें उन्होंने यह बताया हो कि आपकी आय का कोई हिस्सा छूट गया है।
- प्रतिक्रिया: यदि आप इस नोटिस का सही तरीके से जवाब नहीं देते हैं, तो अधिकारी मामले को फिर से खोलने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत आदेश जारी कर सकते हैं।
- आकलन: इसके बाद, अधिकारी आपके केस का फिर से आकलन कर सकते हैं और आपको संशोधित रिटर्न फाइल करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।
क्या होगा अगर आप जवाब नहीं देते हैं?
अगर आप शो कॉज़ नोटिस का जवाब नहीं देते हैं, या आपका जवाब संतोषजनक नहीं होता है, तो आयकर अधिकारी आपके खिलाफ फिर से आकलन की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यदि आप आवश्यक दस्तावेज़ या जानकारी प्रदान नहीं करते हैं, तो अधिकारी अपने विवेक से आपकी कुल आय का आकलन कर सकते हैं और कर की देयता निर्धारित कर सकते हैं। साथ ही, इस स्थिति में आपके ऊपर 50% से 200% तक की पेनल्टी भी लगाई जा सकती है।
इस प्रक्रिया से कैसे निपटें?
अगर आपको आयकर विभाग से कोई नोटिस मिलता है, तो समय पर और सही तरीके से जवाब देना बहुत जरूरी है। किसी भी प्रकार की देरी या गलत जानकारी आपके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है, जिससे आपके ऊपर भारी जुर्माना भी लग सकता है। ऐसे मामलों में एक योग्य कर सलाहकार की मदद लेना हमेशा बेहतर होता है।