एनर्जी सेक्टर में ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी सेक्टर काफी उपयुक्त हो सकता है. पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा मुहैया कराने वाला या सेक्टर निवेशकों को बढ़िया मुनाफा भी मुहैया करा सकता है. आपके लिए ऐसे 6 क्वालिटी स्टॉक की जानकारी.
अगर आप भारतीय बाजार में आज के उपयोग को छोड़कर भविष्य में बढ़ाने वाले उपयोग के अनुसार कुछ शेयर खरीदना चाहते हैं तो एनर्जी सेक्टर में ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी सेक्टर काफी उपयुक्त हो सकता है. पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा मुहैया कराने वाला या सेक्टर निवेशकों को बढ़िया मुनाफा भी मुहैया करा सकता है. आपके लिए ऐसे 6 क्वालिटी स्टॉक की जानकारी हम लेकर आए हैं.
बाजार की प्रमुख ग्रीन हाइड्रोजन कंपनियां
- रिलायंस इंडस्ट्रीज: भारत का यह जाना-माना औद्योगिक समूह ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में सबसे आगे है। कंपनी ने 2030 तक 100 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने और ग्रीन हाइड्रोजन में बड़ा निवेश करने की योजना बनाई है। रिलायंस की मजबूत वित्तीय स्थिति इसे इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है।
- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन: भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी, इंडियन ऑयल भी ग्रीन हाइड्रोजन की दौड़ में शामिल हो रही है। कंपनी अपने रिफाइनरियों में ग्रीन हाइड्रोजन बनाने की इकाइयां लगा रही है और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों के लिए ईंधन स्टेशन भी विकसित कर रही है।
- एनटीपीसी लिमिटेड: भारत की सबसे बड़ी बिजली कंपनी, एनटीपीसी भी ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन और उपयोग में आगे बढ़ रही है। कंपनी अपने बिजली संयंत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन बनाने की सुविधाएं स्थापित कर रही है और परिवहन के क्षेत्र में हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक को बढ़ावा दे रही है।
- अदानी समूह: अदानी समूह भी ग्रीन हाइड्रोजन में निवेश कर रहा है। समूह ने 2030 तक 20 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में बड़ा निवेश करने की योजना बनाई है।
- गेल (इंडिया) लिमिटेड: भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस कंपनी, गेल भी ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में कदम रख रही है। कंपनी अपनी प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों में ग्रीन हाइड्रोजन को मिलाने और हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन विकसित करने की योजना बना रही है।
- ग्रीन हाइड्रोजन का भविष्य
- ग्रीन हाइड्रोजन में परिवहन, उद्योग और बिजली उत्पादन जैसे क्षेत्रों को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करने की क्षमता है। हालांकि, यह तकनीक अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, और लागत में कमी और बड़े पैमाने पर उत्पादन अभी भी चुनौतियां हैं। जैसे जैसे इन उद्योगों में प्रोग्रेस होगा इन से जुड़े हुए शेयर में भी तूफ़ानी तेज़ी आएगी.