2023 में रिलीज़ हुई फिल्म कब्ज़ा, जिसमें उपेंद्र और सुदीपा ने मुख्य भूमिका निभाई थी, ने इस सफलता पर पानी फेर दिया। फिल्म को दर्शकों ने पसंद नहीं किया, जिससे कन्नड़ फिल्मों पर से पैन-इंडिया दर्शकों का भरोसा उठ गया। इसका नतीजा ये हुआ कि OTT प्लेटफार्म्स ने कन्नड़ फिल्मों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाना बंद कर दिया।
Why Kannada Films not Getting Single OTT Buyers. किसी भी दर्शक का भरोसा जीतने में सालों की मेहनत, अच्छी प्लानिंग और किस्मत का भी थोड़ा साथ चाहिए होता है। लेकिन एक खराब फिल्म से यह सब पल भर में बर्बाद हो सकता है।
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री, जिसे लंबे समय से रीमेक फिल्मों का केंद्र माना जाता था, ने KGF और कांटारा जैसी फिल्मों की सफलता से अपनी पहचान बनाई थी। इन फिल्मों ने इंडस्ट्री को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान और पहचान दिलाई।
पर फिर आया कब्ज़ा
2023 में रिलीज़ हुई फिल्म कब्ज़ा, जिसमें उपेंद्र और सुदीपा ने मुख्य भूमिका निभाई थी, ने इस सफलता पर पानी फेर दिया। फिल्म को दर्शकों ने पसंद नहीं किया, जिससे कन्नड़ फिल्मों पर से पैन-इंडिया दर्शकों का भरोसा उठ गया। इसका नतीजा ये हुआ कि OTT प्लेटफार्म्स ने कन्नड़ फिल्मों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाना बंद कर दिया।
हाल ही में एक उम्मीदों भरी कन्नड़ फिल्म हडिनेलेंटु/Seventeeners को OTT प्लेटफार्म्स की अनदेखी के चलते यूट्यूब पर रिलीज़ करना पड़ा।
हाल ही में, ऋषभ शेट्टी ने अपनी नाराज़गी जाहिर की कि कैसे OTT प्लेटफार्म्स अब कन्नड़ फिल्मों में निवेश करने से बच रहे हैं, सिर्फ एक फ्लॉप फिल्म कब्ज़ा के कारण। उन्होंने चिंता जताई कि एक फिल्म की असफलता से पूरे फिल्म उद्योग का बाज़ार नहीं तय होना चाहिए।