बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बार फिर से फ्यूल सरचार्ज ने वित्तीय बोझ बढ़ाने की आशंका जता दी है.
electricity bills hike: बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बार फिर से फ्यूल सरचार्ज ने वित्तीय बोझ बढ़ाने की आशंका जता दी है. विभिन्न डिस्कॉम्स ने सितम्बर से शुरू होने वाले बिलों में 5 हजार करोड़ रुपए की वसूली की योजना बना ली है. इस बढ़ती वसूली से ज्यादातर घरेलू उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ने वाला है.
फ्यूल सरचार्ज में बदलाव की गणना
इस सरचार्ज में अदानी को फ्यूल भुगतान के लिए की गई वसूली को 23 महीने बाद बदल कर अब सालभर की औसत बिजली खपत के आधार पर किया जाएगा. इस परिवर्तन से जिन उपभोक्ताओं ने अधिक भुगतान किया है उन्हें अगले बिलों में जोड़ा जाएगा. वहीं, जिन्होंने कम भुगतान किया है उनसे अतिरिक्त राशि वसूली जाएगी.
पिछले वर्षों के बकाया जुटाने की तैयारी
डिस्कॉम्स ने पिछले साल के फ्यूल सरचार्ज के रूप में लगभग 4400 करोड़ रुपए की वसूली के आदेश जारी किए हैं. यह वसूली कई माह तक 13 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से की जाएगी. इस दौरान बेस सरचार्ज को 54 पैसे से बढ़ाकर 57 पैसे प्रति यूनिट किया गया है.
सरकारी सहायता से कुछ उपभोक्ताओं को राहत
कृषि और 200 यूनिट से कम उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को इस बढ़ी हुई दर से राहत मिलेगी, क्योंकि इसका भार सरकार उठाएगी. यह निर्णय राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के निर्देशानुसार किया गया है.
उपभोक्ताओं की जेब पर असर
इन सब उपायों के बावजूद, बढ़ते फ्यूल सरचार्ज से उपभोक्ताओं की जेब पर गहरी चोट पहुंच रही है. विभिन्न डिस्कॉम्स द्वारा उठाए जा रहे कदम बिजली बिलों में लगातार बढ़ोतरी का कारण बन रहे हैं जिससे आम आदमी की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है.