UP News:राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित 56वीं कार्यकारी समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश के लिए 73 करोड़ रुपये की लागत से 5 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इस फैसले से गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने और इसके ईको-सिस्टम में सुधार के लिए एक नई दिशा मिलेगी।
गंगा नदी प्रदूषण प्रबंधन
रायबरेली के डलमऊ में ‘कीचड़ प्रबंधन’ परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसमें 8 केएलडी मल कीचड़ ट्रीटमेंट प्लांट, 15 किलोवाट का सोलर एनर्जी प्लांट और एक सोलर इन्वर्टर शामिल होंगे।
सीवरेज परियोजना
बुलंदशहर के गुलावठी में गंगा नदी के पूर्वी काली नदी में प्रदूषण रोकने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की स्थापना की जाएगी। यह परियोजना 15 साल की अवधि के लिए चलेगी और इसमें स्टोरेज और प्रबंधन शामिल होगा।
ऊपरी गोमती नदी बेसिन पुनरुद्धार
लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित परियोजना के तहत, ऊपरी गोमती नदी बेसिन की निचली धाराओं और सहायक नदियों के पुनरुद्धार पर काम किया जाएगा।
परियोजनाओं का उद्देश्य और लाभ
इन परियोजनाओं का उद्देश्य गंगा नदी के प्रदूषण को कम करना और इसके ईको-सिस्टम को सुधारना है। ग्लोबल एक्सपर्ट को तैनात कर देशभर में फैली छोटी नदियों को पुनर्जीवित करने और स्थायी प्रथाओं को अपनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजनाएँ पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज के बीच सही संतुलन स्थापित करने में मदद करेंगी।