शहरों की तर्ज पर अब गांवों के लाखों घरों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इस कदम से ना सिर्फ बिजली कंपनियों को बल्कि उपभोक्ताओं को भी अनेक फायदे होंगे.
Bihar smart meter: शहरों की तर्ज पर अब गांवों के लाखों घरों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इस कदम से ना सिर्फ बिजली कंपनियों को बल्कि उपभोक्ताओं को भी अनेक फायदे होंगे. स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता सीधे अपने मोबाइल पर बिजली बिल की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और घर बैठे ही बिल का भुगतान कर सकेंगे. इससे उपभोक्ताओं को हाईटेक सुविधाओं का लाभ मिलेगा और उन्हें बिजली कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
विद्युत विभाग की बैठक
बुधवार को हुई समीक्षात्मक बैठक में विद्युत कार्यपालक अभियंता विभाष कुमार ने खुलासा किया कि स्मार्ट मीटर लगने से रात में भी अगर किसी उपभोक्ता का बैलेंस समाप्त हो जाता है, तो भी उनकी बिजली नहीं कटेगी. यह सुविधा उपभोक्ताओं को असुविधा से बचाएगी और उन्हें अगले दिन दोपहर 10 से 2 बजे के बीच बिल भरने का समय देगी.
स्मार्ट मीटर के फायदे और विरोध के परिणाम
सहायक विद्युत अभियंता कोमल कुमारी के अनुसार, स्मार्ट मीटर लगाना अब हर घर के लिए अनिवार्य है और जो उपभोक्ता इसका विरोध करेंगे उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा. यह कदम बिहार इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई बोर्ड द्वारा उठाया गया है ताकि बिजली उपयोग में बाधा पहुंचाने वाले उपभोक्ताओं को रोका जा सके. बिजली विभाग को उपभोक्ताओं से सहमति लेने की आवश्यकता नहीं है और वे अपने अनुसार हर घर में स्मार्ट मीटर लगा सकते हैं.
स्मार्ट मीटर के तकनीकी लाभ
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं के बिजली उपयोग की सटीक निगरानी संभव होगी और यह बिजली की खपत का सही-सही हिसाब रखने में सहायक होगा. नरपतगंज के सहायक विद्युत अभियंता हिमांशु शेखर और प्रोजेक्ट मैनेजर एनसीसी के भविष्य गुप्ता ने बताया कि इससे बिजली की बर्बादी रोकने में मदद मिलेगी और बिजली विभाग को मीटर रीडिंग के लिए घर-घर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और संसाधन की बचत होगी.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के फायदे
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की सहायता से उपभोक्ता मोबाइल पर आसानी से सटीक बिजली बिल प्राप्त कर सकेंगे और अपनी जरूरत के अनुसार कहीं से भी ऑनलाइन मीटर रिचार्ज कर सकेंगे. इससे बिल जमा करने या अन्य कार्यों के लिए बिजली कार्यालय जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी और उपभोक्ता रोजाना अपनी बिजली खपत की निगरानी कर सकेंगे, जिससे बिजली का उपयोग और अधिक नियंत्रित हो सकेगा.