भारतीय डिजिटल पेमेंट्स कंपनियों जैसे BillDesk और CCAvenue को हाल ही में जीएसटी अधिकारियों से नोटिस प्राप्त हुआ है, जिसमें ₹2,000 से कम के डिजिटल लेन-देन पर लगने वाले शुल्क पर जीएसटी की मांग की गई है। ये जानकारी तीन लोगों ने दी, जो इस मामले से जुड़े हैं। यह मांग तब की जा रही है जब 2016 में नोटबंदी के समय सरकार ने ऐसे लेन-देन पर टैक्स नहीं लगाने का निर्देश जारी किया था।
नोटिस पर कंपनियों की प्रतिक्रिया
CCAvenue के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, विश्वास पटेल ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें नोटिस प्राप्त हुआ है और उनकी टीम ने इसका जवाब भी भेजा है। दूसरी ओर, BillDesk ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इन कंपनियों ने अब तक ₹2,000 से कम के लेन-देन पर टैक्स नहीं लिया था, लेकिन अब सरकार की नई मांग के अनुसार उन्हें टैक्स वसूलना पड़ सकता है।
2017 से टैक्स की मांग, लेकिन अभी तक नहीं लगा था टैक्स
2017 में जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से, ये पेमेंट्स एग्रीगेटर्स छोटे डिजिटल लेन-देन पर टैक्स नहीं लगा रहे थे, क्योंकि 2016 में नोटबंदी के समय सरकार ने स्पष्ट किया था कि ऐसे लेन-देन पर टैक्स नहीं लगेगा। अब जीएसटी अधिकारी 2017-18 के बाद से टैक्स की मांग कर रहे हैं, जिससे यह मुद्दा गंभीर हो गया है।
पेमेंट्स कंपनियों के लिए टैक्स वसूली का बड़ा काम
इस नई टैक्स मांग का मतलब है कि पेमेंट्स कंपनियों को अपने मर्चेंट्स से टैक्स वसूलना होगा, जो पिछले कई सालों के लेन-देन से जुड़ा हो सकता है। यह प्रक्रिया न केवल समय-साध्य होगी, बल्कि छोटे मर्चेंट्स के लिए भी एक बड़ा वित्तीय बोझ साबित हो सकती है।
उद्योग को प्रभावित कर सकती है यह टैक्स मांग
पेमेंट्स कंपनियों के लिए यह स्थिति कठिन हो सकती है क्योंकि उन्हें अपने मर्चेंट्स से टैक्स वसूलने के लिए फिर से संपर्क करना होगा। यदि जीएसटी काउंसिल 2017 से पहले के लेन-देन पर टैक्स वसूली का निर्णय करती है, तो यह पूरे डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम को प्रभावित कर सकता है। इससे मर्चेंट्स और पेमेंट्स एग्रीगेटर्स की वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है।
जीएसटी काउंसिल से उम्मीद
पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन, विश्वास पटेल ने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने वित्त मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों से बातचीत की है। उन्हें उम्मीद है कि 9 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर सही निर्णय लिया जाएगा।
निष्कर्ष: अगर जीएसटी वसूली लागू हुई तो उद्योग पर पड़ेगा गहरा असर
यदि जीएसटी काउंसिल यह फैसला करती है कि 2017 से पहले के लेन-देन पर भी टैक्स वसूला जाएगा, तो इससे पूरे डिजिटल पेमेंट्स उद्योग पर गहरा असर पड़ेगा। इससे छोटे मर्चेंट्स और पेमेंट्स एग्रीगेटर्स को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।