त्योहारों का समय नजदीक आते ही रसोई के बजट पर असर पड़ना शुरू हो गया है. खासकर, सरसों तेल की कीमतों में हाल ही में आई बढ़ोतरी से आम उपभोक्ता परेशान है. पिछले 15 दिनों में सरसों तेल की कीमत में 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. आने वाले दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण पर्वों में जहां पूजा और पकवान दोनों में ही सरसों तेल की खपत बढ़ जाती है इससे उपभोक्ताओं का बजट गड़बड़ा सकता है.
मौसम और उत्पादन में गिरावट के कारण महंगाई
मुजफ्फरपुर के गोला रोड पर स्थित थोक विक्रेताओं के अनुसार इस साल मौसम के खराब होने के कारण सरसों की फसल खराब हुई है. इसके चलते बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और राजस्थान में सरसों का उत्पादन कम होने की रिपोर्ट है. तेल की मांग और कीमत दोनों में बढ़ोतरी होती जा रही है जिससे कीमतों में और बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
सरसों तेल की कीमतों में उछाल का ट्रेंड
पंकज मार्केट के विक्रेता विकास चौधरी के अनुसार अप्रैल के दौरान जब सरसों की फसल तैयार होती है सरसों तेल की कीमत लगभग 115 से 122 रुपये प्रति लीटर थी. जून के बाद से कीमतों में बढ़ोतरी होनी शुरू हुई और अगस्त तक यह 118 से 130 रुपये के बीच रही. अगस्त के अंतिम सप्ताह से कीमत में और तेजी आई है.
लहसुन की कीमत में भी भारी उछाल
लहसुन की कीमतों में भी पिछले 20 दिनों में 50 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है. गोला रोड के मसाला विक्रेताओं के अनुसार, अगस्त में लहसुन की कीमतें 200-250 रुपये प्रति किलो थीं जो अब 300 रुपये तक पहुँच गई हैं. बिहार में इस वर्ष फसल कमजोर रहने के कारण लहसुन की आवक में कमी आई है.