insurance policy check: भारतीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार प्रत्येक वाहन मालिक के लिए मोटर बीमा पॉलिसी लेना अनिवार्य है. यह न केवल आपकी गाड़ी को आकस्मिक हानि या चोरी से बचाता है बल्कि थर्ड पार्टी की कानूनी देयता के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें शारीरिक चोट और संपत्ति क्षति शामिल है.
रोजाना टूट-फूट के लिए बीमा नहीं
आपकी वाहन बीमा पॉलिसी गाड़ी के नियमित टूट-फूट को कवर नहीं करती है. इसका मतलब यह है कि समय के साथ गाड़ी में होने वाली सामान्य मरम्मत या पुर्जों की जरूरत (Regular maintenance needs) के लिए आपको स्वयं खर्च उठाना पड़ेगा. यह जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि अक्सर वाहन मालिक इस बात से अनजान होते हैं.
गाड़ी में निजी सामान की सुरक्षा नहीं
यदि आपकी गाड़ी में चोरी या तोड़फोड़ होती है तो बीमा कंपनी गाड़ी के नुकसान की भरपाई तो करेगी परन्तु गाड़ी के अंदर रखे गए आपके निजी सामान जैसे लैपटॉप, फोन (Laptop, phone theft) आदि के लिए कोई प्रतिपूर्ति नहीं करेगी. इसलिए इन्हें सुरक्षित स्थान पर रखना सुनिश्चित करें.
बिना जरूरी दस्तावेज़ के वाहन चलाना
वैध ड्राइविंग लाइसेंस, पीयूसी सर्टिफिकेट, वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र, और मोटर बीमा पॉलिसी (Valid documents requirement) के बिना वाहन चलाना केवल अवैध नहीं है बल्कि यदि दुर्घटना होती है तो इस स्थिति में कोई भी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा.
व्यक्तिगत उपयोग की गाड़ी का वाणिज्यिक प्रयोग
अगर आपकी निजी गाड़ी का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है, तो किसी भी दुर्घटना या क्षति के लिए बीमा कवरेज (Commercial usage exclusion) प्रदान नहीं किया जाएगा. यह सुनिश्चित करें कि आपके पास वाणिज्यिक वाहनों के लिए विशिष्ट बीमा कवरेज है.