हिमालय की तलहटी में बसा ऋषिकेश को मुख्य दर्शनीय स्थल के लिए जाना जाता है। ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल है।ऋषिकेश को ‘योग कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर को छोटा चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी माना जाता है। यह केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं है बल्कि प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है। त्रिवेणी घाट पर हर शाम ‘महाआरती’ होती है। ऐसा माना जाता है की गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं। इसलिए उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश को देश के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है।
ऋषिकेश के दर्शनीय स्थल
त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश
त्रिवेणी घाट ऋषिकेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं। यह घाट ऋषिकेश का एक पवित्र घाट है जो गंगा आरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर शाम के समय महा आरती भी होती है और सुबह के समय गंगा आरती होती है। यह घाट प्रमुख स्नानागार घाट है जहाँ प्रात:काल में अनेक श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। कहा जाता है कि त्रिवेणी घाट वह स्थान है जहां पर प्रमुख तीन नदियों का अद्भुत संगम है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम हुआ है इसलिए इस जगह को त्रिवेणी घाट के नाम से जाना जाता है, जिसके कारण घाट का महत्व और भी बढ़ जाता है।
ऋषिकुंड, ऋषिकेश
ऋषिकुंड ऋषिकेश के के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के लिए जाना जाता है। यह कुंड एक प्राकृतिक गर्म पानी का तालाब है जिसे शहर में एक पवित्र जल निकाय माना जाता है। यह कुंड त्रिवेणी घाट के कुछ ही दूर है। लोगों का यह भी मानना है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कुंड में स्नान किया था। इस स्थान पर गंगा और यमुना एक दूसरे से मिलती हैं। यह एक पवित्र कुंड और सुंदर स्थान है जो इतिहास और पौराणिक कथाओं से भरा हुआ है। इस तालाब में स्नान करने से एक अलग ही सुकून मिलता है। ऋषिकेश आने वाले पर्यटक ऋषि कुंड में स्नान जरूर करते हैं।
नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेश
नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के पवित्र दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर ऋषिकेश का प्राचीन और प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर 5500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर घने जंगलों के बीच छिपा हुआ है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह भारत मे सबसे ज्यादा पवित्र मंदिर मे से एक है, जहाँ बहुत से भक्त दर्शन करने के लिए आते है। इस मंदिर मे एक ताजे पानी का झरना भी है, जिसमे लोग स्नान करते है और मंदिर में पूजा भी करते है। ऐसा कहा जाता है की इसी जगह पर समुद्र मंथन के समय निकले विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया था।
समय:- प्रातः 05.00 बजे से सायं 06.00 बजे तक
राजाजी नेशनल पार्क, ऋषिकेश
राजाजी नेशनल पार्क ऋषिकेश प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह राष्ट्रीय उद्यान 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जहां पर विभिन्न प्रजाति के जीव जंतु के 315 से भी ज्यादा प्रजातियां निवास करती है। यह पार्क हाल ही में भारत सरकार द्वारा टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया हैं। यह पार्क अपनी ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता हैं। इसके जंगल में ट्रेकिंग करने के लिए भी पर्यटक आते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान पूरी तरीके से साल और बांस के घने पेड़ों से भरा हुआ है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से यात्री ऋषिकेश आते हैं।
राजाजी नेशनल पार्क ऋषिकेश समय :- सुबह 6 से 11, 11:30 से 1, और 2:30 से 5:30
राजाजी नेशनल पार्क ऋषिकेश प्रवेश शुल्क:- भारतीय नागरिकों के लिए – 750 रूपये प्रति व्यक्ति
विदेशी नागरिकों के लिए – 1500 रूपये प्रति व्यक्ति।
जीप सफारी के लिए – 1500 रूपये प्रति सफारी (150 रूपये प्रति व्यक्ति)
राम झूला, ऋषिकेश
राम झूला ऋषिकेश सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक हैं। राम झूला ऋषिकेश के एक प्रमुख स्थल पर बना पुल है। यह झूला ऋषिकेश में तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर हैं। इसका निर्माण 1983 में किया गया था। यह पूल 750 फीट लंबा है। यह झूला ऋषिकेश शहर में शिवानंद और स्वर्ग आश्रम के बीच बना है। इसलिए इसे ‘शिवानंद झूला’ के नाम से भी जाना जाता हैं। यह लक्ष्मण झूला से भी बड़ा झूला है। इस झूले को भी लोहे से बनाया गया है। इस झूले पर जब लोग चलने लगते है तो यह झूले जैसा झूलता हुआ दिखाई देता है। पुल पार करते समय, आप गंगा के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। अगर आप ऋषिकेश घूमने जा रहे है यहाँ घूमने अवश्य जाए।
लक्ष्मण झूला, ऋषिकेश
लक्ष्मण झूला ऋषिकेश प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। यह एक बहुत ही प्रसिद्ध हैंगिंग ब्रिज है, जो शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर है। यह पूल पूरा लोहे से बना है, जिसकी नदी से ऊंचाई 70 फिट है और लंबाई 450 फिट है। गंगा नदी के एक किनारे को दूसरे किनारे से जोड़ता लक्ष्मण झूला ऋषिकेश की ख़ास पहचान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण जूट की रस्सियों के सहारे इस नदी को एक तरफ से दूसरी ओर पार किए थे। लक्ष्मण झूले पर जब लोग चलते हैं तो यह झूलता हुआ प्रतीत होता है।
नीरगढ़ झरना, ऋषिकेश
नीरगढ़ झरना ऋषिकेश के खूबसूरत पर्यटन स्थल है। नीर वॉटरफॉल ऋषिकेश का सबसे बड़ा झरना है, इसे नीरगढ़ वाटरफॉल भी कहा जाता है। बड़ी संख्या में टूरिस्ट गर्मियों में इस झरने को देखने और यहां नहाने के लिए आते हैं। यह झरना ठंडे पानी की एक सुंदर धारा है, चट्टानों से नीचे गिरते हुए इस झरने का पानी बेहद खूबसूरत लगता है। यह घने जंगलों के बीच में एक चट्टानी इलाकों से बहती है। यहां तक पहुंचाने के लिए आपको तकरीबन जंगल में एक किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। यह झरना लक्ष्मण झूला से लगभग 5 और 7 किमी दूर स्थित हैं। इस जगह पर आकर आपको आसपास की घाटी के कुछ खूबसूरत नज़ारे भी देखने को मिल सकते है।
स्वर्ग आश्रम, ऋषिकेश
स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश के टॉप पर्यटन स्थल में से एक है। यह जगह ऋषिकेश का एक धार्मिक स्थल माना जाता है और पर्यटन की दृष्टि से यह काफी प्रसिद्ध है। यह आश्रम स्वामी विशुद्धानन्द द्वारा स्थापित सबसे प्राचीन आश्रम है, जो गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। इस आश्रम को स्वामी जी को काली कमली वाले नाम से भी जाना जाता था। इस स्थान पर बहुत से सुन्दर मंदिर बने हुए हैं। यह आश्रम ऋषिकेश से 5 किमी की दूरी पर स्थित एक छोटी सी बस्ती है। यह आश्रम विदेशी पर्यटकों के बीच भी बहुत लोकप्रिय है। इस आश्रम के अंदर जप, ध्यान, आरती जैसी कई धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं। आश्रम का रखरखाव “काली कमलीवाला क्षेत्र” नामक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
समय:- प्रातः 06:00 बजे से रात्रि 08:00 बजे तक
प्रवेश शुल्क:- 600 रू
भरत मन्दिर, ऋषिकेश
भरत मन्दिर ऋषिकेश पवित्र दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर सबसे प्राचीन और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे 12 शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने बनवाया था। लोगों का ऐसा मानना है कि यदि कोई अक्षय तृतीया के दिन भगवान श्री हृषिकेश की 108 परिभगवान राम के छोटे भाई भरत को समर्पित परीक्रमा करता है और भगवान के चरणों में आशीर्वाद मांगता है, तो सभी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी। यह मंदिर त्रिवेणी घाट के नजदीक ओल्ड टाउन में स्थित है। घूमने आए हुए पर्यटकों के बीच भी ये मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर की वास्तुकला पर्यटकों को आकर्षित करती है। मंदिर के गर्भग्राम में एकल शालिग्राम के पत्थर पर भगवान विष्णु की प्रतिमा को उकेरा गया है, जो बहुत ही आकर्षक और सुंदर है।
समय:- प्रातः 05:00 बजे से रात्रि 09:00 बजे तक
शिवपुरी, ऋषिकेश
शिवपुरी ऋषिकेश के बेस्ट पर्यटन स्थलों में एक है। शिवपुरी समुद्र तल से करीब 1360 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पहाड़ियों और प्राकृतिक खूबसूरती से घिरे इस जगह से बहती गंगा नदी इसे अतुल्य बनाती है। यहाँ भगवान शिव को समर्पित कई मंदिर है। यह जगह पर्यटकों के बीच हमेशा से प्रसिद्ध रहा है और इस जगह को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है। यह जगह ऋषिकेश से 16 किमी दूर एक गांव हैं जो अपनी एक्टिविटी के लिए काफी फेमस हैं। यह जगह रिवर राफ्टिंग के लिए पूरे ऋषिकेश में प्रसिद्ध है और अगर आप ऋषिकेश आते हैं और रिवर राफ्टिंग नहीं करते हैं तब तक आपकी यात्रा अधूरी मानी जाती है।
ऋषिकेश में रुकने की जगह
ऋषिकेश में रुकने के लिए कम बजट से महंगे बजट में होटल, रिजॉर्ट और बहुत सारी धर्मशाला बनी हुई है। आप चाहें पहले से ही ऑनलाइन होटल बुक कर सकते हैं या फिर ऋषिकेश पहुंचकर होटल ले सकते हैं। आप अपने बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं। होटल खोजने के लिए आपको परेशान नहीं होना पड़ेगा। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन उतरते ही आपको बहुत से होटल मिल जायेंगे। इसके अलावा गीता भवन, परमार्थ निकेतन आश्रम, स्वर्ग आश्रम में ठहरने के लिए आपको रूम मिल जायेगा।
ऋषिकेश की अन्य घूमने लायक जगह
इन सब के अलावा भी ऋषिकेश में घूमने के लिए कई आकर्षित जगह है, जहां घूम सकते है। बंजी जंपिंग हाइट्स, बीटल्स आश्रम, कौडियाला, वशिष्ट गुफा, कैलाश निकेतन मंदिर, कुंजापुरी मंदिर ट्रैकिंग, गीता भवन, राघव मठ, महर्षि महेश योगी आश्रम, ब्रह्मपुरी, ऋषिकेश ट्रैकिंग अनुभव, चंद्रेश्वर महादेव मंदिर, त्रयंबकेश्वर मंदिर घाट, चंद्रबदनी मंदिर जैसी जगहें है जहाँ जहां आप घूम सकते है।
ऋषिकेश में शॉपिंग
ऋषिकेश घूमने के साथ ही खरीदारी के लिए भी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह है। यहाँ कई खूबसूरत हस्तशील की खरीदारी कर सकते हैं। हैन्डलूम फेबरिक, कॉटन फेबरिक, साड़ियों, बेड कवर आदि की कई सारी दुकानें यहां पर देखने को मिल जाती है। यहां स्थित सभी दुकानों में बहुत ही कम कीमत पर आपको उच्च कोटि का सामान मिल जाता है।
ऋषिकेश के प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
ऋषिकेश धार्मिक स्थान होने के साथ- साथ अपने स्वादिष्ट व्यंजन के लिए भी जाना जाता है। यहाँ आपको उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत की सभी प्रख्यात व्यंजन देखने को मिल जाएगी। हां पर आप अपने मनपसंद अनुसार किसी भी रेस्टोरेंट्स, कैफे या फिर स्टॉल पर स्वादिष्ट व्यंजन को चख सकते हैं जैसे समोसा, मिठाई, डोसा, पानी पुरी, आलू पूरी, छोले भटूरे जैसी चीजें शामिल है। यह एक धार्मिक स्थान होने के कारण यहाँ पर आपको मांसाहारी खाना आपको नहीं मिलेगा।
ऋषिकेश जाने का उचित समय
ऋषिकेश जाने का उचित समय मार्च से अप्रैल और सितंबर अक्टूबर के महीने का समय है, क्योंकि इस दौरान मौसम गर्मी की होता है। गर्मी के समय में ऋषिकेश में काफी ज्यादा अच्छा अनुभव प्राप्त होता है। नवंबर से फरवरी तक यहां पर थोड़ी ठंड होती है लेकिन वातावरण सुखद होता है। जुलाई से अगस्त के बीच में यहां पर भारी वर्षा होती है, जिसके कारण रिवर राफ्टिंग का भी आनंद नहीं लिया जा सकता।
ऋषिकेश कैसे पहुँचे?
ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य में है और उत्तराखंड भारत के विभिन्न बड़े शहरों से सड़क, हवाई और रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी मार्ग से जा सकते है, ऋषिकेश तक पहुंचने का तरीका इस प्रकार है:-
ऋषिकेश फ्लाइट से कैसे पहुँचे?
ऋषिकेश पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून एयरपोर्ट है, जहां से 34 किलोमीटर की दूरी पर ऋषिकेश पड़ता है। यहां से आपको ऋषिकेश के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी, जिसके मदद से आप ऋषिकेश पंहुच सकते है।
रेल द्वारा ऋषिकेश कैसे पहुँचे?
ऋषिकेश का निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार है जो इससे 25 किलोमीटर की दूरी पर है। यह स्टेशन मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ और वाराणसी से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा है। आप शताब्दी, जनशताब्दी, मसूरी एक्सप्रेस जैसी विभिन्न ट्रेनों के माध्यम से हरिद्वार पहुंचकर फिर वहां से बस या टैक्सी द्वारा ऋषिकेश जा सकते हैं।
सड़क मार्ग से ऋषिकेश कैसे पहुंचे?
ऋषिकेश में बसों का एक अच्छा नेटवर्क है जो इसे आसपास के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से जोड़ता है। नई दिल्ली के आईएसबीटी कश्मीरी गेट से नियमित अंतराल पर लक्जरी और सामान्य डीलक्स बसें आसानी से उपलब्ध हैं। बसों के माध्यम से कनेक्टिविटी इतनी अच्छी है कि पर्यटक सड़क मार्ग से यात्रा करना पसंद करते हैं, जिसके मदद से आप ऋषिकेश पंहुच सकते है।