अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो तनाव का माहौल बना हुआ है, उसे देखते हुए ऐसा लग रहा था कि गुरुवार के बाजार में काफी अस्थिरता बनी रहेगी और बाजार में काफी उतार-चढ़ाव हो सकता है। बाजार में हलचल तो हुई, लेकिन कोई बहुत बड़ा असर देखने को नहीं मिला। सरसों का बाजार 25-50 की तेजी के साथ कारोबार करता नजर आया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन रहे इस परिदृश्य के कारण तेल तिलहन के बाजार में काफी कुछ बदल गया है, जिसका विश्लेषण करना आवश्यक है। आज की रिपोर्ट में हम तेल तिलहन के बाजार के सभी घटकों को जानेंगे, जो बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप सरसों के किसान हैं या व्यापारी हैं, तो आपको यह विश्लेषण जरूर पढ़ना चाहिए।
ताजा मार्केट अपडेट:
गुरुवार के दिन सरसों के बाजार में कोई बड़ी हलचल नहीं हुई। जयपुर में कंडीशन 42% सरसों का भाव 25 रुपये तेज होकर 7025 पर पहुंच गया। अब यह रेट सीज़न के टॉप रेट 7125 से केवल 100 रुपये नीचे है। भरतपुर मंडी में अवकाश रहा। पास की मंडी नदबई का अपडेट 6635 रुपये का मिला है। इसके अलावा मंडियों के रेट की बात करें तो
गंगापुर सिटी मंडी में सरसों का रेट 6770
बरवाला में 6200,
हिसार में 6200,
सिवानी में 6450,
ग्वालियर में 6500,
मुरैना में 6150,
सिरसा में 6350,
खेरली में 6700,
दिल्ली में 6700,
चारखी दादरी में 6675 का भाव देखने को मिला।
गुरुवार को सरसों की आवक बिलकुल कमजोर रही और यह 2 लाख 25,000 बोरी की रही।
प्लांटों के क्या रहे रेट:
ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों के भाव में काफी उतार-चढ़ाव किया। सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव 7650 के रहे। गोयल कोटा प्लांट ने सरसों के भाव में ₹50 की घटोतरी की और भाव 6850 के रहे। अन्य प्लांटों की बात करें तो अदानी बूंदी और अलवर प्लांट ने सरसों के भाव में ₹50 की वृद्धि की और भाव ₹7100 प्रति क्विंटल हो गए। वनस ईडिबल प्लांट ने भी सरसों के भाव में ₹100 की तेजी की और भाव स्थिर रहे। अन्य प्लांटों पर सरसों के भाव मोटे तौर पर स्थिर रहे।
विदेशी बाजारों से क्या मिल रही है अपडेट:
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, मलेशिया के बाजार में काफी उठापटक देखने को मिल रही है। इस समय मलेशिया का बाजार सितंबर की मासिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है, जो 10 तारीख को आएगी। जानकारों का मानना है कि सितंबर-अक्टूबर में मलेशिया के पाम तेल का निर्यात घट सकता है और स्टॉक बढ़ सकता है। इसलिए ऐसा हो सकता है कि मलेशिया का बाजार एक सीमित तेजी के दायरे में रहेगा। यह दायरा 4150 से 4200 के बीच बन सकता है।
फिलहाल बाजार की बात करें तो बुधवार को तूफानी तेजी के बाद गुरुवार को मलेशिया के बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिली और पाम तेल के भाव 14 रिंगिट यानी 0.33% गिर गए। अंतिम भाव 4182 रिंगिट प्रति टन के दिसंबर वायदा में देखने को मिला।
अमेरिका के बाजार की बात करें तो वहां रात को काफी तेजी का माहौल देखने को मिला। शिकागो में सोया तेल का अक्टूबर वायदा 2.21% तक उछल गया। क्रूड तेल में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिल रहे संकेतों को देखें तो आज फिर से सरसों के बाजार तेज हो सकते हैं। सुबह-सुबह मिली जानकारी के अनुसार, मलेशिया में पाम तेल का बाजार तेज खुला है और पाम तेल का दिसंबर वायदा 4250 रिंगिट के आसपास कारोबार कर रहा है।
तेल और खल के भाव:
गुरुवार को सरसों तेल और खल के भाव में तेजी दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 13 रुपये बढ़कर 1455 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 13 रुपये बढ़कर 1445 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। हालांकि, सरसों खल के भाव स्थिर रहे। खल के रेट घटकर 2620 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
सरसों की आवक:
गुरुवार को मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर 2.25 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि बुधवार को आवक 3.50 लाख बोरियों की थी। राज्यवार देखें तो
राजस्थान की मंडियों में सरसों की 1.25 लाख बोरियां,
मध्य प्रदेश की मंडियों में 15 हजार बोरियां,
उत्तर प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरियां,
पंजाब और हरियाणा की मंडियों में 10 हजार बोरियां,
गुजरात में 10 हजार बोरियां,
और अन्य राज्यों की मंडियों में 40 हजार बोरियों की आवक हुई।
सरसों में और तेजी की कितनी गुंजाइश:
दोस्तों, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस समय सरसों और अन्य तिलहन फसलों के भाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही घटनाओं से प्रभावित रहने वाले हैं। अगर ईरान और इजरायल का तनाव और ज्यादा बढ़ता है, तो अवश्य ही सरसों के भाव में और तेजी देखने को मिलेगी। साथियों, आपको यह भूलना नहीं चाहिए कि सरसों के भाव पहले ही काफी तेज हो चुके हैं, और अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति सामान्य रहती है, तो यहां पर एक जबरदस्त मुनाफावसूली भी देखने को मिल सकती है। इसलिए आपको ऐसी परिस्थिति में बिल्कुल सावधान रहना है और स्टॉप लॉस की नीति का पालन करना है। जब तक बाजार ऊपर की ओर चल रहा है, आप सरसों को होल्ड करके रख सकते हैं, और जैसे ही बाजार नीचे की ओर चलने लगे, आप अपना माल तुरंत निकाल दें।
मरूधर एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय 46 लाख टन सरसों का स्टॉक किसानों और स्टॉकिस्टों के पास मौजूद है। इसे देखते हुए बहुत बड़ी तेजी की गुंजाइश नहीं है, लेकिन अगर तनाव बना रहता है, तो सरसों के भाव जयपुर में 7200 तक जा सकते हैं। हम कल की सिफारिश पर अभी भी कायम हैं। व्यापार अपने विवेक से करें।