बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique) जो हाल ही में मुंबई में गोली मारकर हत्या के शिकार हुए, एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती और समाजसेवी थे। उनकी संपत्ति और उनके बच्चों के लिए छोड़ी गई विरासत पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है, विशेषकर उनके जीवन के अंतिम क्षणों में।
Baba Siddique की संपत्ति का विवरण
बाबा सिद्दीकी की नेट वर्थ लगभग 72 करोड़ रुपये बताई जाती है। हालांकि, उनकी वास्तविक संपत्ति की जानकारी स्पष्ट नहीं है। 2018 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी लगभग 462 करोड़ रुपये की संपत्ति को सीज कर दिया था। यह कार्रवाई स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) परियोजना में कथित अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते की गई थी।
संपत्ति का स्रोत
सिद्दीकी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान कई बार विधायक का पद संभाला और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे। उनकी इफ्तार पार्टियों में बॉलीवुड के कई बड़े सितारे शामिल होते थे, जिससे उनकी सामाजिक स्थिति और भी मजबूत होती थी।
बच्चों के लिए विरासत
बाबा सिद्दीकी के दो बेटे हैं, जिनमें से एक, जीशान सिद्दीकी, खुद एक विधायक हैं। जीशान ने अपने पिता के साथ कई राजनीतिक गतिविधियों में भाग लिया और हाल ही में SRA विवाद में सक्रिय रूप से शामिल रहे। इस विवाद ने उनके पिता की हत्या का कारण भी माना जा रहा है।
बच्चों को मिली शिक्षा
जीशान सिद्दीकी ने अपने पिता से राजनीति और सामाजिक सेवा की शिक्षा प्राप्त की। बाबा सिद्दीकी का मानना था कि उनके बच्चे समाज सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ें और लोगों की मदद करें। उन्होंने अपने बच्चों को हमेशा ईमानदारी और मेहनत का पाठ पढ़ाया।
बाबा सिद्दीकी की हत्या का प्रभाव
बाबा सिद्दीकी की हत्या ने न केवल उनके परिवार पर बल्कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाला है। उनकी हत्या के बाद से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं, खासकर जब उन्हें Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। यह घटना यह दर्शाती है कि राजनीति में सुरक्षा केवल एक दिखावा हो सकती है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस हत्या के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने महाराष्ट्र सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कई नेताओं ने कहा कि इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि सत्ता में बैठे लोग भी सुरक्षित नहीं है।
बाबा सिद्दीकी ने अपने जीवन में जो कुछ भी अर्जित किया, वह उनके बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण विरासत है। हालांकि उनकी संपत्ति विवादों से घिरी हुई थी, लेकिन उन्होंने अपने परिवार को एक मजबूत नैतिक शिक्षा दी। उनका जीवन और उनकी मृत्यु हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि राजनीति और समाज सेवा कितनी जटिल हो सकती है।