किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, पिछले 2-3 दिन से त्योहारों के कारण सरसों के बाजार में नाममात्र आवक देखने को मिल रही थी। शुक्रवार और शनिवार को सरसों की आवक मात्र 1,25,000 बोरी की रही। इतनी कम आवक के आधार पर बाजार का ट्रेंड निकालना थोड़ा सा मुश्किल काम है। फिर भी हमने आज की रिपोर्ट में ये कोशिश की है कि आपको आज के बाजार के ट्रेंड की सही-सही जानकारी दी जाए। दोस्तों, अक्टूबर के मध्य में हम आ चुके हैं और दिवाली का त्योहार अब यहाँ से केवल 15-20 दिन की दूरी पर रह गया है। तेल-तिलहन के बाजार के लिए दिवाली के आसपास का समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह वह समय होता है जब सरसों के भाव में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है। आज की रिपोर्ट में हमने दिवाली के आसपास पिछले 3 साल में क्या परिवर्तन हुआ उसका विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण के आधार पर हमने सरसों की दिशा-दशा को लेकर अनुमान लगाने की कोशिश की है। अगर आप सरसों के किसान या व्यापारी हैं, तो आपको यह विश्लेषण बारीकी से पढ़ना चाहिए।
दिवाली के आसपास क्या रहती है सरसों की चाल?
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, अगर सरसों की चाल के इतिहास को देखें और 2-3 साल पीछे जाएं, तो साल 2022 में दिवाली के आसपास सरसों का रेट ₹7125 प्रति क्विंटल तक पहुँच गया था, लेकिन 2022 की दिवाली के बाद से ही सरसों में तीव्र गिरावट का दौर शुरू हो गया था और 2023 के फरवरी महीने के आसपास सरसों का भाव गिरकर ₹5350 के आसपास रह गया था। इसके बाद फिर नई सरसों की आवक शुरू हुई और भाव गिरते-गिरते 2023 के जून महीने में ₹5050 प्रति क्विंटल रह गए। यह साल 2023 का निम्नतम भाव था।
उसके पश्चात् सरसों के भाव में हल्की सी तेजी बनना फिर से शुरू हुई और 2023 की दिवाली के आसपास सरसों के भाव ने एक बार फिर से ₹6050 का स्तर छू लिया। हालांकि 2023 में भी दिवाली के बाद सरसों में फिर से गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ और भाव गिरते-गिरते 2024 के फरवरी महीने के आते-आते ₹5350 रह गए थे। यह साल 2024 का न्यूनतम भाव था। इसके बाद मई महीने तक भाव इसी रेंज में रहे। लेकिन जब सरसों की आवक में सुधार नहीं हुआ, तो मई 2024 के महीने से ही सरसों के भाव ने फिर से रिकवरी शुरू की और सितंबर महीने में सरसों ने अपना टॉप भाव ₹7125 का बनाया। इसके बाद से ही सरसों के भाव फिर से सीमित दायरे में चल रहे हैं और आज की तारीख में सरसों का भाव ₹6925 प्रति क्विंटल बना हुआ है।
ताजा मार्केट ट्रेंड
पिछले 2-3 दिनों में मिलों की सीमित मांग के सामने पर्याप्त सप्लाई के चलते सरसों कॉम्प्लेक्स में नरमी देखी गई। साप्ताहिक तौर पर सरसों में ₹75-100 की गिरावट दर्ज की गई है। जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव ₹6925 प्रति क्विंटल के रह गए। भरतपुर में भी बाजार में कमजोरी का ट्रेंड जारी रहा और सरसों के भाव ₹76 कमजोर होकर ₹6550 के रह गए। अन्य मंडियों की बात करें, तो चरखी दादरी मंडी में सरसों का रेट ₹6675, हिसार में ₹6200, बरवाला में ₹6250, शिवानी में ₹6350, अलवर में ₹6650, खैरथल में ₹6650 और सुमेरपुर में ₹6150 प्रति क्विंटल तक सरसों का कारोबार हुआ है। त्योहारों के कारण सरसों की आवक मात्र 1 लाख 25 हजार बोरी की हुई।
तेल और खल के भाव
शनिवार को सरसों तेल और खल के भाव में गिरावट दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव ₹15 घटकर ₹1420 प्रति 10 किलो रहे, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम ₹21 घटकर ₹1404 प्रति 10 किलो पर स्थिर रहे। सरसों खल के भाव में भी गिरावट बनी और खल के रेट ₹15 घटकर ₹2580 प्रति क्विंटल रह गए।
क्या कहते हैं सरसों के जानकार?
जानकारों का मानना है कि सरकारी एजेंसियों और किसानों के पास उपलब्ध माल नई फसल आने तक पर्याप्त रहेगा। साथ ही, मंडियों में घरेलू खरीफ तिलहन फसल की आवक बढ़ने से तेलों की सप्लाई भी बनी रहेगी। सरसों तेल की मांग ऊपरी स्तरों पर सीमित हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले सप्ताह इसमें ₹4-5 प्रति किलो की गिरावट आई। आयातित तेलों पर ड्यूटी बढ़ने से पहले सरसों तेल सोया की तुलना में ₹37 प्रति किलो की प्रीमियम पर बिक रहा था, लेकिन ड्यूटी बढ़ने के बाद यह अंतर घटकर ₹17 प्रति किलो रह गया है। सप्लाई, डिमांड और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए सरसों में बड़ी तेजी की संभावना कम दिख रही है। मंडी भाव टुडे का मानना है कि दिवाली तक किसी भी प्रकार की उछाल मिलने पर सरसों, सरसों तेल और खल का स्टॉक खाली कर लेना चाहिए। दिवाली के बाद घट-बढ़ के साथ सरसों में कमजोरी देखी जा सकती है। वर्तमान स्थिति में, सरसों तेल की जरूरत के अनुसार खरीदारी करनी चाहिए, और दिवाली के बाद के सौदों से इन स्तरों पर बचना चाहिए। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।